उत्तराखंड: "रोड नहीं रोड-शो जरूरी".. 80 गांव की सड़क 40 पेड़ों पर अटकी, 1 दिन के लिए कुर्बान हुए दर्जनों पेड़
वन विभाग लगा रहा CM धामी की साख को बट्टा... 40 पेड़ नहीं कटे तो सड़क को तरस गए 80 गांव, रोड शो को काट दिए सैकड़ों हरे पेड़.. पढ़िए
Jan 27 2024 3:02PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
(अगस्त्यमुनि) उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी रुद्रप्रयाग दौरे पर हैं। कल यानी रविवार को मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर यहां उतरना है और उसके बाद इसी जगह से रोड शो शुरू होना है। इस वर्ष चुनावों को देखते हुए CM धामी के कई रोड शो होने वाले हैं। इससे पहले पिथौरागढ़ में इसी महीने 22 जनवरी को रोड शो में भारी जन समूह उमड़ा था। सीएम धामी ने रोड शो में खूब सुर्खियां बटोरीं, राम मंदिर के लिए 500 साल के इंतजार को खत्म करने का श्रेय पीएम मोदी को दिया। ढोल नगाड़ों, संगीत वाद्ययंत्र और छोलिया जैसे लोक नृत्य के प्रदर्शन के बीच CM धामी का गर्मजोशी से स्वागत हुआ।
रुद्रप्रयाग जिले में लोकप्रिय CM Pushkar Singh Dhami अगस्त्यमुनी में रोड शो करेंगे। परंतु प्रशासन और वन विभाग ने वन कानूनों का मखोल उड़ाते हुए एक और तो 80 गांवों को जोड़ने वाली सड़क को 40 हरे वृक्षों के कारण रोक दिया, वहीं एक रात में ही दर्जनों पेड़ रोड शो के लिए काट दिए गए।
ऐसा नहीं है कि अगस्त्यमुनि में कोई दूसरा मैदान नहीं है, महज 1 किलोमीटर की दूरी पर एक बहुत बड़ा मैदान पहले ही उपलब्ध है। आगे पढ़िए...
मुख्यमंत्री के दौरे के लिए अगस्त्यमुनि में रातोंरात काट दिए गए दर्जनों हरे पेड़। वन विभाग ने पलभर में ही देदी अनुमति और लगभग कुछ ही मिनटों में ही शुरू कर दिया हरे पेड़ों का कटान। इस वक्त राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि के खेल प्रांगण में दर्जनों हरे पेड़ पर चल रही है आरी, कल रविवार को सीएम का इस जगह पर हेलीकॉप्टर उतरना है, और इसी जगह से रोड़ शो प्रारंभ होना है। रुद्रप्रयाग प्रशासन ने ये कार्यवाही अंजाम दी है। वही इसके ठीक सामने पिछले बरसात में 80 गाँवों को जोड़ने वाले पूर्णतः बह चुके गंगानगर पठालीधार सड़क के नये वैकल्पिक मार्ग के लिए छः माह से शासन ने 40 पेड़ों की अनुमति को अभी तक लटका कर रखा है। अब हरे पेड़ों को काटने की परमिशन को लेकर आमजन सवाल कर रहा है कि वन विभाग और प्रशासन ने किस मंसा से सड़क निर्माण को तो जरूरी नहीं समझा पर एक दिन के रोड शो के लिए दर्जनों हरेभरे पेड़ काट डाले ? वो भी तब जब महज 1 किलोमीटर की दूरी पर एक बहुत बड़ा मैदान पहले ही उपलब्ध है...