सिलक्यारा सुरंग में दोबारा काम नहीं करना चाहते 25 श्रमिक, लौटने से किया इनकार
सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों में से 25 श्रमिकों ने सिलक्यारा लौटने से साफ इनकार कर दिया है।
Feb 2 2024 4:53PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तरकाशी का सिलक्यारा गांव बीते साल पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना रहा।
25 Workers Refused To Work Again In Silkyara Tunnel
यहां 12 नवंबर 2023 को चारधाम आलवेदर रोड परियोजना की सुरंग में भूस्खलन हुआ था। जिससे 41 श्रमिक सुरंग के अंदर फंस गए थे। ये श्रमिक 17 दिन तक सुरंग के भीतर फंसे रहे, बड़े स्तर पर चले राहत अभियान के तहत इन सबको बाहर निकाल लिया गया, लेकिन घटना के कई दिन बाद भी श्रमिक गहरे सदमे में हैं। यही वजह है कि सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों में से 25 श्रमिकों ने सिलक्यारा लौटने से साफ इनकार कर दिया है। दरअसल केंद्र सरकार ने 23 जनवरी को सुरंग में फिर से काम शुरू करने की अनुमति दी थी। इसके बाद कंपनी ने काम तो शुरू कर दिया, मगर अनुभवी श्रमिकों की कमी खल रही है। कंपनी ने जब पुराने श्रमिकों से बात की तो 16 लोग दोबारा काम करने को तैयार हो गए, लेकिन 25 श्रमिक इसके लिए तैयार नहीं हैं। सुरंग में फंसने वाले मजदूरों में ओडिशा निवासी राजू नायक भी शामिल हैं, वो कहते हैं कि अब वो अपने राज्य में ही रोजगार तलाश रहे हैं।
राजू की तरह रांची (झारखंड) निवासी चंकु बेदिया, श्रवण बेदिया और बंधन बेदिया भी अब काम के लिए कहीं और नहीं जाना चाहते। बिहार निवासी दीपक कुमार ने कहा कि उनके परिजन नहीं चाहते कि वो दोबारा सिलक्यारा लौटें। हालांकि कई लोगों ने सिलक्यारा लौटने की हामी भर दी है। कूचबिहार (बंगाल) निवासी माणिक तलुकदार गुरुवार को उत्तरकाशी पहुंच गए। वह सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों में पहले हैं, जो हादसे के बाद यहां पहुंचे हैं। माणिक ने कहा कि जब वो सुरंग में थे तब कंपनी ने उनका साथ दिया, अब कंपनी का साथ देना और सुरंग का काम पूरा करना उनकी जिम्मेदारी है। बता दें कि सुरंग में फिर से काम करने की अनुमति मिलने के बाद भी अनुभवी श्रमिकों के काम पर नहीं लौटने से निर्माणदायी कंपनी की परेशानी बढ़ गई है। कंपनी के अधिकारी लगातार श्रमिकों की मान-मनौव्वल में जुटे हैं।