एक पहाड़ी बना चीन के लिए सबसे बड़ा खतरा, अजित डोभाल ने की ‘हाहाकारी’ प्लानिंग !
Jul 7 2017 6:55PM, Writer:मीत
चीन और पाकिस्तान की दोस्ती किसी से छुपी नहीं है। इन दो दोस्तों के दिमाग में आजकल एक हिंदुस्तानी ने सबसे ज्यादा बवाल मचाया हुआ है। जी हां हम बात कर रहे हैं अजित डोभाल की। पीएम मोदी के जेम्स बॉन्ड कहे जाने वाले डोभाल इस वक्त चीन और पाक के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बने हुए हैं। दरअसल डोभाल की अचूक रणनीतियों की वजह से ये दोनों मुल्क हक्के-बक्के रह गए हैं। डोभाल की रणनीतियों की वजह से चीन की भारत को घेरने की हर कोशिश नाकाम साबित हो रही है। जरा डोभाल के काम करने का अंदाज भी देख लीजिए। दरअसल पीएम मोदी जब अपने इजरायल दौरे से वापस लौट रहे थे तो उनके के साथ मौजूद डोभाल ने विमान में ही चीन सीमा पर तनातनी को लेकर ब्रीफिंग कर डाली। विमान में ही प्लान किया गया है कि किस तरह से चीन के नापाक इरादों को कुचलना है। सैन्य और खुफिया अफसरों के साथ ये ब्रीफिंग की गई है।
इसके साथ ही डोभाल ने रॉ प्रमुख अनिल धस्माना, आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत और आईटीबीपी के डीजी को इस बारे में जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने आर्मी चीफ बिपिन रावत से बात की। इस ब्रीफिंग में ये भी कहा गया है कि चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन ड्रैगन के आगे हार नहीं माननी है। डोभाल ने भी कहा है कि आज के हालात 1962 जैसे नहीं हैं, बल्कि ये 2017 है। आइटीबीपी के डीजी को डोभाल ने साफ तौर पर निर्देश दिए हैं कि अगर भारत की सीमा पर चीनी हैलीकॉप्टर दिखें तो सख्त से सख्त एक्श्न लिया जाए। आपको ये भी बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड में दो बार चीनी हैलीकॉप्टर मंडराते हुए देखे गए थे। डोभाल की एक और चाल से चीन बुरी तरह से तिलमिलाया हुआ है। चीन के वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट को डोभाल ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में फंसाया हुआ है। चीन का ये कारीडोर पाक अधिकृत कश्मीर से भी गुजर रहा है। इस वजह से भारत की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
इस वजह से बलूचिस्तान से लेकर पीओके तक अजित डोभाल ने अपनी रणनीति के दम पर इस कॉरीडोर के लिए परेशानियां खड़ी कर दी। 20 साल आइबी में रहकर डोभाल ने बलूचिस्तान और पीओके में जासूसी का जाल बिछाया था। इसी का नतीजा है कि उन्हें चीन और पाकिस्तान के बीच के इस कॉरीडोर की हर खबर मिल जाती है। इसके साथ ही डोभाल के कहने के बाद भारत रणनीतिक और कूटनीतिक एक्शन लेता है। इस बीच आपको ये भी बता दें कि दलाई लामा के अरुणाचल दौरे की सोच भी डोभाल की ही थी। डोभाल ने चीन को औकात में लाने के लिए दलाईलामा से अरुणांचल प्रदेश का दौरा करवाया। बौद्ध धर्म के सबसे बड़े गुरु दलाई लामा के नाम से ही चीन चिढ़ता है। ऐसे में अजित डोभाल चीन और पाकिस्तान दोनों के आंखों की किरकिरी बने हुए हैं। कुल मिलाकर कहें तो इस वक्त चीन और पाकिस्तान के सिर पर डोभाल के नाम का खतरा मंडरा रहा है।