बेशर्म विजय माल्या की शर्मनाक करतूत, कोर्ट में भारत के लिए कही ऐसी बात...
Jul 8 2017 5:42PM, Writer:कैलाश
भगोड़ा विजय माल्या अब हर दिन नया बहाना बनाने लगा है। माल्या को डर है कि कोर्ट में चल रहे केस में वो हार जाएगा और उसके बाद उसे भारत को सौंप दिया जाएगा। अब माल्या ने एक और बहाना बना डाला है। माल्या ने कोर्ट में कहा है कि भारत में जेलों की स्थिति बेहद खराब है और वो इन जेलों में नहीं रह सकते। माल्या को साफ तौर पर डर सता रहा है कि ये फैसला उनके खिलाफ आने वाला है। लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में सुनवाई हुई तो इस दौरान माल्या का पक्ष रखने वाले ने कहा कि प्रत्यर्पण को चुनौती देने के लिहाज से भारत में जेलों की हालत बेहद खराब है। इसके साथ ही भारत सरकार को भी लग रहा है कि माल्या इस बीच जेलों के मुद्दे को बड़े जोर शोर से उठा सकते हैं। इस बीच गृह मंत्रालय के सचिव राजीव महर्षि ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इस पत्र में जेलों की स्थिति को लेकर पूछताछ की गई है। बताया जा रहा है कि भारत आने पर माल्या को मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में रखा जाएगा।
इस अधिकारी का कहना है कि इस वक्त माल्या इंग्लैंड से भारत अपना प्रत्यर्पण रोकने के लिए कई तर्कों का सहारा ले रहे हैं। इसके साथ ही कहा गया है कि मुंबई का प्रवर्तन निदेशालय कई घोटालों के मामले में माल्या का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। अधिकारी का कहना है कि मुंबई की जेलों की स्थिति काफी अच्छी है। इसके साथ ही इसमें बुनियादी मानवाधिकारों के उल्लंघन जैसा कुछ भी नहीं है। आपको बता दें कि इस साल 4 दिसंबर से कोर्ट में माल्या के खिलाफ सुनवाई चलेगी। इस बात की पूरी संभावना है कि विजय माल्या को भारत को सौंपा जाएगा। माल्या पर देश के 17 बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये बकाया है। उन्हें प्रत्यर्पण केस में 18 अप्रैल 2017 को लंदन में अरेस्ट किया गया था। इससे पहले विजय माल्या को 4 दिसंबर तक के लिए जमानत दे दी गई थी। गुरुवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान माल्या भी आए थे।
भगोड़े विजय माल्या की किस्मत का फैसला इस साल 4 दिसंबर को होने जा रहा है। माल्या को भारत सौंपा जाएगा या नहीं, इस बात का फैसला इस साल 4 दिसंबर को होगा। इस वक्त माल्या ब्रिटेन में है। माल्या पर ब्रिटेन की एक अदालत में केस चल रहा है। इस साल 4 दिसंबर को माल्या के खिलाफ 2 हफ्ते की सुनवाई शुरू होगी। इस सुनवाई में ये तय किया जाएगा कि मालव्या को भारत के हाथों सौंपा जाए या फिर नहीं। उधर भारत सरकार ने मुकदमे से जुड़े सारे साक्ष्य जमा करा दिए हैं। इसके साथ ही क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने इनका मंथन भी कर लिया है। इस जानकारी के दम पर अदालत ने सुनवाई की तारीख तय कर दी है। इस मामले में चीफ मजिस्ट्रेट का कहना है कि इस साल जुलाई के आखिर तक 2000 पन्नों के प्रूफ का मंथन किया जाएगा। उधर भारत सरकार के प्रतिनिधि का कहना है कि सरकार ने प्रथम दृष्टया आरोप के लिए जरूरी तथ्य सौंप दिए हैं।