देहरादून: भगवान ने बूढ़े मां-बाप की सुन ली, 18 महीने बाद कतर से लौटा अफसर बेटा...हुई थी फांसी की सजा
जिन अधिकारियों को कतर में फांसी की सजा सुनाई गई थी, उनमें उत्तराखंड के रिटायर्ड कैप्टन सौरभ वशिष्ठ भी शामिल हैं।
Feb 13 2024 9:40PM, Writer:कोमल नेगी
कतर में मौत की सजा पाए भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को दोहा ने सोमवार को रिहा कर दिया। ये भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है।
Return of Indian Ex Navy Officers Jailed in Qatar
रिहाई के बाद सभी अधिकारी दिल्ली पहुंच चुके हैं। जिन अधिकारियों को कतर में फांसी की सजा सुनाई गई थी, उनमें उत्तराखंड के रिटायर्ड कैप्टन सौरभ वशिष्ठ भी शामिल हैं। अब उनके परिजन बेटे के जल्द दून पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। सौरभ वशिष्ठ के पिता आरके वशिष्ठ ने बताया कि इस पल से बढ़कर दुनिया में कोई खुशी नहीं है, क्योंकि उनका बेटा इस उम्र में उनका स्तम्भ है, जिसके लिए वो तरस रहे थे। घटनाक्रम के दौरान सौरभ की पत्नी मानसा और दोनों बेटियां जारा व तुवीसा भी कतर में रहकर रिहाई की जंग लड़ रही थीं। उनकी बहू यानी सौरभ की पत्नी मानसा वहीं पर नौकरी करते हुए अपने दोनों बेटियों को पढ़ा रही थीं। भारत सरकार की मदद से ही माता-पिता को तीन बार कतर जेल में जाकर अपने बेटे से मिलने और बातचीत करने का मौका मिला। पूरा परिवार सौरभ की जिंदगी के लिए भगवान से प्रार्थना करने के साथ ही संघर्ष भी कर रहा था।
सौरभ ने कतर की जेल में 18 महीने का समय बिताया। सौरभ की मां राजी वशिष्ठ ने इस पल को सुनहरा बताया। उन्होंने कहा कि एक बड़े संघर्ष के बाद सौरभ सकुशल अपने देश वापस आ गया है। वो अब देहरादून आ जाएगा, इससे बड़ी कोई खुशी नहीं हो सकती। यहां आपको पूरा मामला भी बताते हैं, दरअसल, बीते साल 27 अक्टूबर को कतर की अदालत ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी। ये सभी अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज और कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ काम कर रहे थे, जिन्हें कथित भ्रष्टाचार और जासूसी के आरोप (मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार) में गिरफ्तार किया गया था। अक्टूबर 2023 में इन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी, बाद में सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया। अब कतर ने अधिकारियों की मौत की सजा खत्म कर सभी को रिहा कर दिया है।