उत्तराखंड: विधानसभा में 89 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट पेश, इन 4 स्तंभों पर फोकस
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि यह बजट समग्र, समावेशी, संतुलित और विकासोन्मुखी बजट है। जो पीएम मोदी के विकसित भारत के संकल्प GYAN पर फोकस है।
Feb 28 2024 11:53AM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 89 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट पेश किया गया। इस बार का बजट पिछले साल के बजट से 15.27 फीसदी ज्यादा है।
Uttarakhand assembly budget session 2024
बीते साल गैरसैंण में बजट सत्र आहूत हुआ था। जहां वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ₹77,407.08 करोड़ का बजट पेश किया गया था। इसके अलावा 11 हजार करोड़ रुपए का सप्लीमेंट्री बजट भी लाया गया था। जबकि, इस बार वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 89,230.07 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि यह बजट समग्र, समावेशी, संतुलित और विकासोन्मुखी बजट है। जो पीएम मोदी के विकसित भारत के संकल्प GYAN यानी G से गरीबी, Y से युवा, A से अन्नदाता और N से नारी पर फोकस है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि बजट में ₹5,658 करोड़ का प्रावधान गरीबों के कल्याण के लिए किया गया है। जिसमें गरीबों के आवास के लिए ₹93 करोड़, खाद्यान्न आपूर्ति में ₹600 करोड़ और निशुल्क गैस रिफिल में ₹55 करोड़ शामिल है।
युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा के साथ ही उच्च शिक्षा में ₹1,679 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जिसमें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए 250 करोड़ रुपए भी शामिल हैं। किसानों के लिए बजट राशि को बढ़ाया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में ₹2,415 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। इसमें दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना, मिशन एप्पल, किसान पेंशन, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना पर विशेष ध्यान रखा गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में जेंडर बजट में करीब ₹14,538 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। नंदा गौरा, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, गंगा गाय महिला डेयरी विकास योजना आदि में प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि औद्योगिक विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 30 से ज्यादा नीतियां बनाई हैं। उत्तराखंड के आर्थिक विकास की दर साल 2022-23 में 7.63 प्रतिशत रही, जो राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। हमारी प्रति व्यक्ति आय में 12 फीसदी की वृद्धि हुई है। नीति आयोग की ओर से जारी बहुआयामी गरीबी सूचकांक के अनुसार उत्तराखंड के 9 लाख 17 हजार 299 लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।