उत्तराखंड में बनेंगे 11 हर्बल एरोमा टूरिज्म पार्क, जड़ी-बूटी की खेती से रोजगार पाएंगे ग्रामीण
वन पंचायतों में 628 करोड़ की परियोजना के तहत 11 हर्बल एरोमा टूरिज्म पार्क विकसित किए जाएंगे।
Mar 8 2024 5:11PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में जड़ी-बूटियों की खेती से रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। यहां 500 वन पंचायतों समेत 10 हजार हेक्टेयर भूमि में जड़ी बूटी उगाई जाएगी। साथ ही 11 हर्बल एरोमा टूरिज्म पार्क भी विकसित किए जाएंगे।
11 herbal aroma tourism park
यह बात वन मंत्री सुबोध उनियाल ने एक कार्यशाला में कही। मंथन सभागार में वन पंचायतों की कार्यशाला में वन मंत्री सुबोध उनियाल बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वन पंचायतों में 628 करोड़ की परियोजना के तहत 11 हर्बल एरोमा टूरिज्म पार्क विकसित किए जाएंगे। भारत में वन पंचायत व्यवस्था केवल उत्तराखंड राज्य में है। गांव से लगे वनों को संरक्षित रखते हुए स्थानीय ग्रामीणों की मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति के लिए वर्ष 1930 में वन पंचायत व्यवस्था शुरू हुई। वन पंचायतों का गठन, सीमांकन एवं प्रशासन राजस्व विभाग के पास है एवं पंचायती वनों के प्रबंधन के लिए तकनीकी सहयोग का उत्तरदायित्व वन विभाग के पास है।
राज्य सरकार की मंशा है कि वन पंचायतों को कई योजनाओं एवं रोजगारोन्मुख पौधरोपणों से जोड़कर पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को वन विकास से संबद्ध किया जाए, ताकि ग्रामीणों की आय में वृद्धि के साथ रोजगार के अवसर मुहैया हो सके। परियोजना के तहत दस हजार लोगों को जड़ी-बूटी उगाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्य वन संरक्षक, वन पंचायत डॉ. पराग मधुकर धकाते ने कहा कि जड़ी-बूटी उगाने की यह परियोजना पांच-पांच साल के दो चरणों के लिए है। पहले चरण में 200 और दूसरे चरण में 300 वन पंचायतों को लिया जाएगा, जिसमें 628 करोड़ खर्च किए जाएंगे। वन पंचायत के अलावा निजी भूमि में भी जड़ी-बूटी उगाई जाएगी। कार्यशाला में प्रमुख वन संरक्षक वन पंचायत डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक, नियोजन एवं वित्तीय प्रबंधन गिरजा शंकर पांडेय समेत कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।