नैनीताल: सिर्फ एक छात्र को पढ़ाने के लिए दो शिक्षिकाओं की तैनाती, जल्द शून्य हो जाएगी छात्र संख्या
गांव के स्कूल में अभी सिर्फ एक छात्र पढ़ता है। 31 मार्च के बाद जब ये एकमात्र छात्र 6वीं क्लास में चला जाएगा, तो स्कूल में छात्र संख्या शून्य हो जाएगी।
Mar 15 2024 3:38PM, Writer:कोमल नेगी
एक ओर उत्तराखंड के कई स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं तो वहीं कुछ स्कूल ऐसे भी हैं, जहां सिर्फ एक छात्र को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की तैनाती की गई है।
Two teachers teaching one student in nainital
नैनीताल जिले में एक ऐसा ही स्कूल है, जहां अभी सिर्फ एक छात्र पढ़ता है, लेकिन उसे पढ़ाने के लिए यहां पर दो शिक्षिकाएं तैनात हैं। 31 मार्च के बाद जब ये एकमात्र छात्र 6वीं क्लास में चला जाएगा, तो इस विद्यालय में छात्र संख्या शून्य हो जाएगी। मामला घुग्घूखाम के प्राथमिक विद्यालय से जुड़ा है, जहां सिर्फ एक छात्र पढ़ने के लिए आता है, जो कि 5वीं में है। अगले महीने ये बच्चा छठवीं कक्षा में जाएगा, ऐसे में अगर यहां बच्चों ने प्रवेश नहीं लिया तो अगले माह से इस स्कूल में छात्र संख्या शून्य हो जाएगी। राजकीय प्राथमिक विद्यालय घुग्घूखाम में बीते सालों में विद्यार्थियों की संख्या काफी कम हुई है।
यहां सत्र 2019-2020 में छात्र संख्या 15 थी, फिर 2020-21 में यह संख्या घटकर 14 रह गयी। साल 2022-23 में यहां सिर्फ 4 छात्र रह गए थे, और अब सिर्फ एक बच्चा यहां पढ़ने आता है। पांचवीं में पढ़ने वाला निर्मल आर्य जब दूसरे स्कूल में चला जाएगा तो विद्यालय में छात्र संख्या शून्य हो जाएगी। इससे ग्रामीणों के साथ ही स्कूल की शिक्षिकाएं भी चिंतित हैं। शिक्षिका शबाना सिद्दीकी कहती हैं कि अभिभावक अपने बच्चों का स्कूल से नाम कटाकर उन्हें प्राइवेट स्कूलों में भेज रहे हैं, जो लोग बाहर चले गए हैं, उनके बच्चे वहीं पढ़ रहे हैं। अगर 31 मार्च के बाद कोई भी एडमिशन नहीं होता तो स्कूल में छात्र संख्या शून्य हो जाएगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में रोजगार के साधन नहीं हैं, ऐसे में पलायन करना लोगों की मजबूरी बन गया है।