image: ISIS India Head Haris Farooqi Arrested in Dhubri spilled secrets

उत्तराखंड के इस रेलवे स्टेशन को बम से उड़ाने की थी प्लानिंग, STF की पूछताछ में हारिस ने उगले राज

STF ने देहरादून के डालनवाला निवासी ISIS चीफ हारिस फारुखी से कड़ी पूछताछ की, जिसके बाद आतंकी सरगना ने कई राज खोले हैं...
Mar 23 2024 6:48PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

आतंकी हारिस फारुखी उत्तराखंड के एक रेलवे स्टेशन को बम से उड़ने की प्लानिंग कर रहा था। देहरादून के यूनानी डॉक्टर का बेटा ISIS चीफ हारिस फारुखी। इस आतंकी ने गिरफ्तार होने के बाद STF की पूछताछ में कुछ ऐसे राज खोले हैं, जिन्हें जानकार आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी।

ISIS India Head Haris Farooqi Spilled Secrets

दरअसल, हारिस धीरे-धीरे उत्तराखंड में अपने संगठन के पांव जमा रहा था। इसमें हल्द्वानी कनेक्शन भी सामने आया है। पूछताछ में हारिस ने ये कबूल किया है कि उसने उत्तराखंड के हल्द्वानी रेलवे स्टेशन को बम से उड़ाने की पूरी तैयारी कर दी थी। इस खुलासे के बाद उत्तराखंड पुलिस सतर्क हो गई है और मदद करने वालों की तलाश में जुट गई। आतंकी हारिस फारुखी ने वर्ष 2021 में उधम सिंह नगर और हल्द्वानी के कुछ युवकों से संपर्क किया था। फारुख ने हल्द्वानी के गोला नदी क्षेत्र में बम के ट्रायल भी किए थे। इसकी मदद तब गार शाहनवाज आलम नाम का युवक ने की जिसे NIA ने पहले ही पकड़ा हुआ था। इसी ने पुलिस को इनपुट दिए फिर फारुख की तलाश शुरू की गई।

अब सिंघल मंडी में रहता है परिवार

फारुखी के पिता का उस से जुड़ाव का मामला सामने आया था इसलिए इनके परिवार पर खुफिया एजेंसियों की निगरानी काफी पहले से जारी थी। सूत्रों के अनुसार परिवार पहले नेहरू कॉलोनी में एक मकान में किराए पर रहता था।

वहां पर बार-बार पुलिस और अन्य एजेंसियों के पहुंचने या परिवार को बुलाने के कारण मकान मालिक ने कमरा खाली करवा दिया। उसके बाद वो लोग डालनवाला गए वहां भी यही सब हुआ, फिर मुस्लिम कॉलोनी रहने लगे, वहां से भी उन्हें मकान बदलना पड़ा। फिर ये लोग अंत में सिंघल मंडी में रहने लगे।

कम्युनिकेशन स्किल से बना ISIS इंडिया चीफ

हारिस के बारे में ये बात सामने आई है कि वह संपर्क में आने वाले लोगों को अपने कम्युनिकेशन से प्रभावित कर देता था। लोगों से कनेक्ट होने में उसे महारथ हांसिल थी। इसलिए अपने प्रभावी कम्युनिकेशन स्किल के कारण वह ISIS इंडिया चीफ बनाया गया। उसने रायपुर रोड स्थित एक निजी स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की। बाद में वह बीटेक करने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी चला गया। कॉलेज में वारसी नाम के युवक के संपर्क में आकर आईएसआईएस का सरगना बन बैठा।

फारुख के पिता नगर निगम डॉक्टर रह चुके हैं

मिली जानकारी के अनुसार आरोपी के पिता नगर निगम की गांधी रोड पर संचालित यूनानी डिस्पेंसरी में डॉक्टर तैनात रह चुके हैं। नगर निगम द्वारा सभी यूनानी डिस्पेंसरी बंद किए जाने की बाद वे अपनी डिस्पेंसरी चलाने लगे। नगर निगम ने दुकान खाली करवाई जिसके बाद उन्हें नए परिसर में दुकान आवंटित की गई। वर्तमान में आरोपी के पिता पार्क के दूसरी ओर नगर निगम कॉम्प्लेक्स में किराए पर अपना दवाखाना संचालित करते हैं।
पुलिस ने हारिस फारुखी को असम के धुबरी में उसके साथ अनुराग सिंह के साथ गिरफ्तार किया है। अनुराग ने कुछ दिन पहले ही इस्लाम क़ुबूल किया है। बताया जा रहा है कि हासिम फ़ारूक़ी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का पढ़ा हुआ है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया की हासिम के पिता यहां पर एक यूनानी दवाखाना चलाते हैं. बीते बीस सालों से फारूकी का परिवार देहरादून के डालनवाला में रह रहा है। स्थानीय इंटेलिजेंस पुलिस के अनुसार फारुखी पिछले 10 सालों से घर नहीं आया।


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