एक फैसला और गढ़वाल सीट पक्की.. तब भी Ankita Bhandari मुद्दे पर क्यूं मुंह फेर रहे BJP नेता ?
बीजेपी को ये समझना चाहिए, कि उनसे अंकिता भंडारी के लिए न्याय का सवाल विपक्ष तो बाद में, पहले उत्तराखंड का आम जन मानस कर रहा है।
Mar 30 2024 7:44PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
आज सुबह एकाएक सोशल मीड़िया एक्स पर अंकिता भंडारी (#AnkitaBhandari) ट्रेंड होने लगा। इस सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर वैसे तो ये अक्सर हो ता रहता है। इस बार कारण थीं भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी।
Smriti Irani and Ankita Bhandari Question
दरअसल, अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर, स्मृति ईरानी की उत्तराखंड यात्रा के दौरान, पौड़ी में एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया। सवाल पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री के जवाब ना देने का वीडियो वायरल हो गया। इस वीडियो पर कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने जमकर निशाना साधा। विडियो को जमकर शेयर किया गया। इसके बाद अंकिता भंडारी (#AnkitaBhandari) एक बार फिर ट्रेंड करने लगा।
पहली बार नहीं कि #AnkitaBhandari ट्रेंड हुआ हो
पिछले कुछ दिनों में ही देखें, तो #AnkitaBhandari या #अंकिता_भंडारी सोशल मीडिया एक्स पर कई बार ट्रेंड हुआ है। इससे पहले आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर भी ये टैग #AnkitaBhandari टॉप ट्रेंडिंग में शामिल था। पिछले डेढ़ सालों में दर्जनों बार ये मुद्दा गरमाया है, तो जाहिर है नेताओं को ये अच्छे से पता है कि पहाड़ की बेटी को न्याय दिलाने की मांग पूरे उत्तराखंड में जोर-शोर से उठती रही है।
मां होकर एक बेटी को इस तरह खोने का दर्द स्मृति भी नहीं समझीं?
वरिष्ठ नेता और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी, पिछले दिनों उत्तराखंड की पौड़ी लोकसभा सीट में, भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अनिल बलूनी के नामांकन में पंहुचीं थीं। जब वो लौट रहीं थीं, उस वक्त पत्रकारों ने स्मृति ईरानी से अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर उनका पक्ष जानने की कोशिश की, जिस पर स्मृति ईरानी का रिएक्शन कुछ सोचा-समझा हुआ और Pre-Determined सा लग रहा था। स्मृति ईरानी ने पत्रकारों का ये सवाल तो ड्राप कर दिया लेकिन खुद एक बड़ा सवाल खड़ा कर गईं..अंकिता भंडारी मुद्दे पर आखिर क्यूं मुंह फेर रहे बीजेपी नेता ?
एक फैसला पक्की कर सकता है पौड़ी सीट
लोकसभा चुनाव 2024 इस वक्त पूरे शबाब पर है, तो इस समय अंकिता भंडारी के न्याय की बात को अपने मेनिफेस्टो में जोड़ देना और इस मुद्दे पर मुखर होकर न्याय की बात करना बीजेपी के लिए ही फायदेमंद हो सकता है। इसके बाद भी ऐसा लग रहा है जैसे पहाड़ की बेटी के नाम तक को बीजेपी में निषिद्ध कर दिया गया हो।