उत्तराखंड: 15 साल बाद पहला एनकाउंटर, ढेर हुआ तरसेम सिंह हत्याकांड का शार्पशूटर
साल 2007 में हुए रणवीर एनकाउंटर में पुलिस ने एक अपराधी को मार गिराया था। इसके बाद उत्तराखंड में एनकाउंटर बिल्कुल बैन कर दिए गए थे। अब 15 साल के बाद तरसेम सिंह हत्याकांड का शार्पशूटर एनकाउंटर में हुआ ढेर, दूसरा आरोपी मौके से फरार।
Apr 9 2024 1:15PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
28 मार्च को श्री नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा डेरा कार सेवा के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या करने वाले दो शार्पशूटर में से एक को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। हरिद्वार जिले के भगवानपुर में एसटीएफ की बदमाशों से मुठभेड़ में अमरजीत सिंह नाम के बदमाश का एनकाउंटर हो गया है। मुठभेड़ के दौरान एक आरोपी फरार हो गया।
Baba Tarsem Singh Case: Amarjeet Singh Killed in Encounter
श्री नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा डेरा कार सेवा के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या के घटनाक्रम में एसटीएफ की बदमाशों से एक मुठभेड़ हुई है, जिसमें एक बदमाश अमरजीत सिंह की मौत हो गई है। एसटीएफ के अनुसार अमरजीत सिंह नाम का बदमाश इस हमले में शामिल था, जिसमें उन्होंने बाबा तरसेम सिंह को गोली मारकर हत्या की। एक बदमाश बच निकला है और पुलिस उसकी तलाश में है।
CM धामी खुद पंहुचे थे नानकमत्ता
28 मार्च को श्री नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा डेरा कार सेवा के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या का मामला सामने आया था। इस हत्याकांड ने उत्तराखंड में अफरातफरी मचा दी, पुलिस विभाग भी इस घटना के बाद चौंका गया। डीजीपी ने जल्दी से आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया था, जबकि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना की जांच करने के लिए श्री नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा का दौरा भी किया था।
15 साल बाद उत्तराखंड में एनकाउंटर
जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2007 में हुए रणवीर एनकाउंटर के दौरान पुलिस ने एक अपराधी को मार गिराया था। इस हत्याकांड के बाद उत्तराखंड में एनकाउंटर को लेकर सख्त कार्रवाई की गई थी और एनकाउंटर बिल्कुल बैन कर दिए गए थे। लेकिन 15 साल के बाद पुनः एक एनकाउंटर का मामला सामने आया है। नानकमत्ता गुरुद्वारा के कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मामले में अमरजीत सिंह को उत्तराखंड पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है।
जान बचा कर भागा सरबजीत सिंह
दूसरा हत्यारोपी सरबजीत सिंह पुलिस के गिरफ्त में नहीं आया और फरार हो गया। इन दोनों पर एक-एक लाख की इनाम राशि भी है। इस घटना में पुराने विवाद का भी जिक्र किया जा रहा है। अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका गया है, पुलिस ने इस हत्याकांड के मामले में पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जिसमें पूर्व आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं।
कौन थे बाबा तरसेम सिंह ?
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बाबा तरसेम सिंह नानकमत्ता क्षेत्र में सिख समुदाय के प्रमुख धार्मिक गुरु थे और उन्होंने वहाँ शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में कई योजनाएं चलाई थीं। इन सभी सामाजिक हित के कार्यों से वे सिख समुदाय के साथ-साथ अन्य समुदायों के बीच पहचान बना चुके थे। उनके गहरे संबंध राजनीतिक व्यक्तियों के साथ भी थे और उन्होंने विभिन्न दलों के नेताओं को अपने डेरे में स्वागत किया था, जैसे कि बीजेपी, कांग्रेस और अन्य दलों के।
सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ भी उनकी निकटता थी और वे अक्सर डेरे में आते रहते थे, प्रारंभिक चुनाव से लेकर सीएम पद तक। बाबा की हत्या के बाद सीएम धामी नानकमत्ता डेरे पहुंचे थे। वे बाबा तरसेम सिंह के शव को देखकर बेहद भावुक हो गए और काफी देर तक चुपचाप बैठे रहे।
बाद में CM धामी ने कहा कि कानून अपना काम करेगा और दोषियों को सजा मिलेगी। इसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने शूटरों की धरपकड़ कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।