उत्तराखंड: कर्मचारियों के हाथ-पैर काटकर नदी में फेंकने वाले डॉक्टर को आजीवन कारावास
बनबसा के धस्माना अस्पताल के फार्मासिस्ट और नर्स हत्याकांड में 10 साल बाद फैसला आया है। अस्पताल के संचालक और ड्राइवर को आजीवन करावास की सजा सुनाई गई है।
Apr 9 2024 5:33PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
9 साल पहले धस्माना अस्पताल के दो कर्मचारियों की हत्या कर शव को टुकड़े कर नानक सागर में फेंक दिया था। इस दौहरे हत्याकांड में पुलिस ने अस्पताल के एमडी डॉक्टर आशीष धशमाना व उनके ड्राइवर इदरीश को गिरफ्तार कर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
After 10 Years Doctor and Driver Sentenced to Life Imprisonment
जनपद चम्पावत जिले के बनबसा में स्थित धस्माना अस्पताल के फार्मासिस्ट विजयपाल गंगवार और नर्स निशा के हत्याकांड में 10 साल बाद अंतिम फैसला आया है। डबल मर्डर केस में आरोपित अस्पताल के संचालक आशीष धस्माना और ड्राइवर इदरीस अहमद दोनों अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। उन्हें 30 मार्च को अदालत ने दोषी ठहराया था और 8 अप्रैल को उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
विजय और निशा के परिजन 10 साल से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे थे। यह मामला सितंबर 2014 में विवादित हुआ था जब हत्यारों ने बेरहमी और योजनाबद्ध ढंग से इन दोनों की जान लीजो हर किसी के लिए रूह कंपाने वाली थी। इंदिरा नगर (बरेली) निवासी निशा और न्यू सिद्धार्थनगर (बरेली) निवासी विजय बनबसा के धस्माना अस्पताल में सेवा देने के दौरान उन्हें कभी यह सोचने की भी कल्पना नहीं थी कि जिस अस्पताल में वह सेवा दे रहे हैं वहां का संचालक इतना क्रूर होकर उनकी जान ले सकता है।
ऐसे दिया घटना को अंजाम
8 सितम्बर 2014 को नानकसागर डैम में एक महिला और पुरुष की लाश मिलीं। जिसमें बोरे के अंदर युवक का धड़ था और दूसरे में दोनों के कटे हाथ थे। घटनास्थल से चार किमी दूर खकरा नाले से युवक-युवती दोनों के कटे हुवे सिर बरामद किए गए। इन्हें काले रंग की दो पॉलीथिन में फेंका गया था। युवती के कान काटे गए थे और मुंडन किया गया था। फिर पुलिस ने लापता लोगों का डाटा कलेक्ट करने के लिए एसओजी समेत चार पुलिस टीमें यूपी के बरेली और पीलीभीत जनपद भेज दिए। इसके बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैवानियत का पता चला कि धारदार हथियार से सिर और हाथ पैर काटे गए और तड़पा-तड़पा कर दोनों की जान ली गई है।
हॉस्पिटल एमडी ने कुबूला जुर्म
पुलिस ने मृतक युवक का स्केच जारी किया और इस मामले का खुलासा करने के बाद बरेली से आए परिजनों ने लाश शिनाख्त की। जिसपर विजयपाल गंगवार के पिता ने नानकमत्ता पुलिस को तहरीर देकर धस्माना नर्सिंग होम के मालिक और स्टाफ की मिलीभगत से एक डॉक्टर पर हत्या का आरोप लगाया। फिर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की और नामजद डॉक्टर सहित तीन संदिग्धों से की पूछताछ की गई। जिसके बाद पुलिस ने एमडी आशीष धस्माना और वाहन चालक इरदीस अहमद को गिरफ्तार किया।
फिर दोनों ने जुर्म कुबूल कर लिया। कि ड्राइवर इदरीस ने अपने पैंटल फार्म हाउस में दोनों की हत्या की फिर उनके शवों को बनबसा से करीब 33 किमी दूर नानकसागर डैम के किनारे फेंका था। इसके बाद शवों का सिर नानकसागर से छह किमी दूर खकरा नाले में फेंका। एमडी धस्माना के पकड़े जाने पर उसने अस्पताल की बदनामी के पीछे एक डॉक्टर, नर्स निशा और फार्मासिस्ट विजयपाल को जिम्मेदार ठहराया था। वह डॉक्टर को अपने अस्पताल के चौपट होने का कारण मानता था।