उत्तराखंड: धू-धू कर जल रहा चीड़, 650 हेक्टेयर जंगल स्वाहा..गढ़वाल में 24 घंटों में 31 जगह भड़की आग
उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल से बीते 24 घंटे के अंतर्गत जंगलों में आग लगने के 31 नए मामले सामने आए हैं। उत्तराखंड के कुल 650 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुए हैं।
Apr 27 2024 11:50AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
उत्तराखंड में पहाड़ी क्षेत्रों के जंगलों में लगातार आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं। जिससे वनसम्पदा को नुकसान हो रहा है। और जंगली जानवर आग से बचने के लिए गावों की ओर बढ़ रहे हैं। लगातार जगलों में आग लगने के कारण पहाड़ों की वायु दूषित हो रही है। वन विभाग की टीम में आग बुझाने के लिए मेन पावर की कमी हो रही है।
31 Forests caught fire in 24 Hours, 650 hectares burnt in total
उत्तराखंड में बीते 24 घंटे के अंतर्गत जंगलों में आग लगने के 31 नए मामले सामने आए हैं। अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा के ने बताया कि पिछले 24 घंटे में आरक्षित वनों में 29 और सिविल व वन पंचायतों में दो जगह जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। इस भीषण वनाग्नि के कारण पिछले 24 घंटे में गढ़वाल के कुल 33.34 हेक्टेयर जंगल जलकर ख़ाक हो गए, वहीँ उत्तराखंड में अब तक कुल 650 हेक्टेयर जंगल प्रभावित होने की रिपोर्ट्स हैं। हालांकि, इस वनाग्नि में कहीं भी कोई मानव हानि की खबर अब तक सामने नहीं आई।
6 जिलों में भीषण आग
राज्य के गढ़वाल मंडल के 6 जिलों में उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी और टिहरी जिलों में लगातार वनाग्नि फैल रही है। इन जिलों में ज्यादातर चीड़ के जंगल होने के कारण जंगल तेजी से आग की लपेट में आ रहे हैं। वन विभाग की टीम लगातार जंगलों में आग बुझाने में जुटी है। लेकिन वनविभाग टीम एक जगह की आग बुझा पाती है तब तक दूसरे जंगलों में आग लगने की खबर मिलती है।
विभाग की फायर सीजन की तैयारी धरी रह गई
टिहरी जिले के कंडीसौड़ में वन विभाग की फायर सीजन में जंगलों को आग से बचाने की तैयारी धरी रह गई है। एक साथ कई जंगलों में आग लगने पर वन विभाग की टीम असहाय और बेबस नजर आ रही है। 26 अप्रैल को सुबह 10 बजे टिहरी जिले के सुनारगांव के सिविल वन क्षेत्र में भीषण आग लगी। वन विभाग की टीम पांच घंटे की कड़ी मशक्क्त के बाद आग पर काबू पा सकी। टीम द्वारा सुनारगांव में आग बुझाने के डेढ़ घंटे बाद ही कंडीसौड़ जंगल में आग फ़ैल गई। कंडीसौड़ के लोगों ने वन विभाग को आग लगने की सूचना दी। टीम उस समय मैंडखाल क्षेत्र के पदोगी, लवाणी, कस्तल और भंडार्की के जगंलों की आग बुझाने में व्यस्त थी। इस कारण शाम साढ़े चार बजे से शाम साढ़े सात बजे तक जंगल में आग बढ़ती रही। वन दरोगा प्रेमलाल डोभाल ने बताया कि वह मैंडखाल क्षेत्र में लगी आग को बुझाने के बाद टीम को कंडीसौड़ क्षेत्र में भेजा जाएगा।
चमोली में चीड़ के जंगलों में भड़की आग
चमोली जिले से शुक्रवार 26 अप्रैल को पांच जंगलों में भीषण आग लगने की खबर मिली है। गोपेश्वर क्षेत्र के कोठियालसैंण और ग्वीलों के जंगलों में भीषण आग लगी। चीड़ के जंगल होने के कारण आग ने तेजी से विकराल रूप ले लिया, और आस-पास के सभी जगलों को अपनी चपेट में ले लिया। सुबह गोपेश्वर स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज के नीचे के जंगलों तक भी आग पहुँच गई। आग फैलने की सूचना मिलते ही "फायर सर्विस" गोपेश्वर की टीम मौके पर पहुंची और काफी मशक्कत और परेशानियों का सामना करने के बाद आग को बुझा दिया। उसके शुक्रवार को ही दोपहर के बाद को देवखाल के जंगल में भी आग भड़क गई। घने जंगलों और चीड़ के पेड़ों के बीच देखते ही देखते आग जंगल के बड़े क्षेत्र में फैल गई। पोखरी विकासखंड की सिविल वन क्षेत्र में भी चीड़ के जंगल में भीषण आग लगी। वन सरपंच महिपाल सिंह ने जंगल में आग लगने की सूचना तुरंत ही केदारनाथ वन प्रभाग को दी। नागनाथ रेंज के वन दरोगा आनंद सिंह रावत फायर वॉचरों के साथ मौके पर पहुंचे, काफी देर की मशक्कत के बाद टीम ने आग को को बुझा दिया।