image: Uttarakhand High Court to shift from Nainital

उत्तराखंड: नैनीताल से शिफ्ट होगा हाईकोर्ट, कहां बनेगा न्याय का नया मंदिर.. संशय में सरकार

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने व्यापक जनहित के आधार पर हाईकोर्ट को नैनीताल शिफ्ट करने का निर्णय लिया है। मुख्य सचिव को महीने के अंतर्गत उचित स्थान देखने का आदेश दिया गया है।
May 11 2024 1:58PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

आईडीपीएल ऋषिकेश से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान 8 मई को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आर के सुधांशु वीसी के माध्यम से कोर्ट में उपस्थित हुए थे। हाईकोर्ट ने इस दौरान नैनीताल से हाई कोर्ट को शिफ्ट करने की सूचना दी। उसी दिन दोपहर बाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन व अधिवक्ताओं का पक्ष भी सुना गया।

Registrar General High Court को पोर्टल तैयार करने का निर्देश

हाईकोर्ट ने कहा है इस मामले में धिवक्ताओं व जनसामान्य की राय भी बहुत आवश्यक है। मुख्य न्यायाधीश रितू बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने Registrar General High Court को 14 मई 2024 तक एक पोर्टल बनाने का निर्देश दिया है। पोर्टल में अधिवक्ताओं व जनसामान्य के इस मामले में सुझाव लिए जाने हैं कि वे नैनीताल से हाईकोर्ट को शिफ्ट करने के पक्ष में हैं या विपक्ष में। अधिवक्ता और वादकारी यदि हाईकोर्ट के शिफ्ट करने के पक्ष में हैं तो हां, चुनकर अपनी इच्छा बताने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके विपरीत यदि वे हाईकोर्ट के शिफ्ट करने के विपक्ष में हैं तो भी अपनी नामांकन संख्या, तिथि और हस्ताक्षर दर्शाकर नहीं लिखेंगे। पोर्टल पर सभी की इच्छाएं 31 मई तक दर्ज की जानी आवश्यक है। हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को इस सूचना का राज्य के सभी जिलों में व्यापक प्रसार वाले स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित करने के भी निर्देश दिए हैं।

हाईकोर्ट गौलापार में शिफ्टिंग के विपक्ष में

नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने निर्देश दिए हैं कि गौलापार में जहां हाईकोर्ट को शिफ्ट करने के लिए जगह चिन्हित की गई है। उस स्थान पर 75 फीसदी तक वन भूमि है और घना जंगल है ऐसी स्थिति में उस स्थान पर हाईकोर्ट की स्थापना करने के लिए पेड़ों को काटना उचित नहीं है। जिस कारण हाईकोर्ट गौलापार में शिफ्टिंग के विपक्ष में है।

हाईकोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट करना आवश्यक

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों ने कहा है कि नैनीताल में वादकारियों और युवा अधिवक्ताओं को होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए हाईकोर्ट को शिफ्ट करना अति आवश्यक है। हाईकोर्ट ने कहा कि वादकारियों और युवा अधिवक्ताओं के लिए नैनीताल में चिकित्सा और कनेक्टिविटी की कमी की असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही कोर्ट में 75 प्रतिशत से अधिक मामलों में राज्य सरकार के पक्षकार होने और नैनीताल हाईकोर्ट आने में अधिकारियों, कर्मचारियों के टीए व डीए में होने वाले खर्च को देखते हुए हाईकोर्ट को नैनीताल से राज्य के अन्य किसी स्थान पर शिफ्ट करना आवश्यक है।

7 जून को संबंधित पक्षों की रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी जाएगी

हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव और उत्तराखंड सरकार को उच्च न्यायालय की स्थापना, न्यायाधीशों, न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए आवासीय आवास, कोर्ट रूम, कॉन्फ्रेंस हॉल, कम से कम सात हजार वकीलों के लिए चैंबर, कैंटीन, पार्किंग स्थल के लिए सबसे उपयुक्त भूमि का पता लगाने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। जिसमें प्रमुख सचिव, विधायी और संसदीय कार्य, प्रमुख सचिव, गृह, दो वरिष्ठ अधिवक्ता, राज्य बार काउंसिल द्वारा नामित एक सदस्य, बार काउंसिल ऑफ इंडिया से अध्यक्ष और एक अन्य इसके सदस्य शामिल किए गए हैं। इस समिति को आदेश दिए गए हैं की ये 7 जून 2024 तक संबंधित पक्षों की राय लेने के बाद सीलबंद रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपेगी। हाई कोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट करने के मामले की कोर्ट में अगली सुनवाई के लिए 25 जून 2024 की तिथि  तय की गई है।


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