image: America denies china request

हिंदुस्तान की एक इंच जमीन नहीं छू सकता चीन, भारत को मिला ‘सुपरपॉवर’ का साथ !

Jul 22 2017 4:15PM, Writer:रोहित

डोकलाम में क्या हो रहा है, इस बात से आप अच्छी तरह से वाकिफ हैं। आज भारत और चीन के बीच सबसे बड़े विवाद का कारण ये जगह बन चुकी है। पिछले कई दिनों से दोनों देशों की सेनाएं आर-पार की जंग लड़के लिए तैयार हैं। चीन किसी की बात नहीं मान रहा, वो लगातार इस क्षेत्र को अपना बनाने की कोशिश में जुटा है। इस बीच अमेरिका ने भी चीन की उम्मीदों को धो डाला है। भारत से तनातनी मोल लेना चीन के लिए भारी पड़ता जा रहा है। चीन को लगता था कि इस मुद्दे पर अमेरिका उसका साथ देगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। वॉशिंगटन में सालाना यूएस-चीन इकॉनमिक डायलॉग बेनतीजा रहा है। इस तरह से चीन की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। इससे पहले डोनाल्ड ट्रम्प साख कर चुके हैं कि अगर आने वाले वक्त में भारत और चीन के बीच तकरार बढ़ती है तो अमेरिका का साथ भारत को मिलेगा। चीन की नीतियों से अमेरिका वैसे ही परेशान है।

इस बीच चीन प्लान बना रहा था कि अमेरिका को किसी भी तरह से अपने वश में किया जाए, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। चीन को लग रहा था कि अमेरिका इस मामले में उसका भरपूर साथ देगा, जिससे भारत अपने कदम पीछे खींच लेगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। चीन का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स कहता है कि भारतीय सेना सीमा को पार कर चुकी है और उसके इलाके में घुस आई है। इस खबर के बाद से पूरे चीन में ही हड़कंप मचा हुआ है। इस वक्त चीन को ये साबित करना है कि वो इंटरनेशनल बाउंड्रीज को लेकर आक्रामक नहीं है। चीन के लिए पाकिस्तान जैसे मौकापरस्त देशों को अपने साथ मिलाना आसान था, लेकिन जहां अमेरिका की बात आती है, वहां नए सिरे से सोचना शुरू किया जाता है। पाकिस्तान जैसा मुल्क तो चीन की आर्थिक मदद पर आश्रित हैं। इस बीच यूएस-चीन इकॉनमिक डायलॉग मीटिंग से पहले ही अमेरिका के एक पक्ष ने डिमांड की थी कि चीन के एक्सपोर्ट्स द्वारा पैदा हो रही व्यापारिक कमियों को पाटा जाए।

इसके साथ ही अमेरिका ने कई व्यावसायिक मांगें भी की थी। इसके बाद दोनों देशों के अधिकारी एक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने जा रहे थे। अचानक इस मीटिंग को कैंसिल कर दिया गया। इससे पहले ट्रंप सरकार ने बार-बार दोहराया है कि चीन की व्यावासयिक नीतियों के कारण अमेरिका में नौकरियों पर बड़ा असर पड़ा है। अब इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के कैंसिल होने से लग रहा है चीन की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। इससे पहले अमेरिका चीन को चेतावनी भी दे चुका है कि डोकलाम में जिस तरह से वो अपनी चहलकदमी बढ़ा रहा है वो गलत है। दरअसल डोकलाम एक ट्राईजंक्शन है, जहां तीन देशों की सीमाएं एक जुड़ती हैं। कुछ वक्त पहले चीन ने इस क्षेत्र में अपनी सड़क बनाने की कोशिश की थी, लेकिन भूटान की आर्मी ने इसका कड़ा विरोध किया था। ऐसे में भारतीय सेना भी मोर्चे पर डटी है। अब देखना है कि डोकलाम को लेकर चीन की अगली रणनीति क्या रहती है।


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