देव डोली लेकर 60 किलोमीटर की पैदल धार्मिक यात्रा पर निकले बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल
बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल के परिजनों द्वारा कई वर्षों पूर्व मनौती मांगी गई थी, उनके परिवार ने अपनी मनौती के तहत तीन देवताओं की डोलियों को अपने गांव क्यारी लगाने की ठानी थी। जिसके बाद जुंबिन नौटियाल ने देव डोलियों को कंधा दिया और तीनों देव डोलियां उ
May 25 2024 6:44PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
यह धर्मिक यात्रा सिमोग मंदिर से क्यारी गांव तक करीब 60 किलोमीटर की है। आज सुबह को विधि-विधान से पूजा अर्चना के उपरांत जुबिन नौटियाल और उनके पिता रामशरण नौटियाल ने देवताओं की पिटारियों को अपने पीठ पर रखकर पैदल धार्मिक यात्रा शुरू कर दी है जिसमें बुजुर्ग, युवा, बच्चे और महिलाएं देव डोलियों के साथ जयकारे लगाते चल रहे हैं।
Bollywood Singer Jubin Nautiyal Starts Religious Journey
मधुर आवाज की दम पर बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने वाली सिंगर जुबिन नौटियाल अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े हुए हैं। उन्हें अपने पारम्परिक धार्मिक अनुष्ठानों की चर्चा करते हुए कई बार इंटरव्यू में देखा गया है और वे हमेशा अपनी संस्कृति को संजोए रखने के बारे में भी बात करते हैं। इन दिनों बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल अपने क्षेत्र में धार्मिक यात्रा में व्यस्त हैं। उनके परिवार ने देव डोली यात्रा निकाली है और जुबिन भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। सिमोग मंदिर से चली देव डोली यात्रा आज सुबह जुबिन के पैतृक गांव क्यारी के लिए रवाना हुई। जुबिन के पिता ने बताया कि 15 साल से हम लोगों ने मन्नत मांगी थी कि हम देव डोलियों के लेकर जाएंगे।
धार्मिक यात्रा 60 किलोमीटर लम्बी
सिमोग मंदिर से प्रस्थान की तीन देवताओं चूड़ेश्वर, शिलगुर और बिजट महाराज की डोलियों ने शुक्रवार को बैराटखाई में हजारों श्रद्धालुओं के साथ रात्रि विश्राम किया। आज सुबह विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद, जुबिन नौटियाल और उनके पिता रामशरण नौटियाल ने देवताओं की पिटारियाँ अपनी पीठ पर रखकर पैदल धार्मिक यात्रा आरंभ की। हजारों श्रद्धालु देवताओं के जयकारे लगाते हुए यात्रा में पैदल आगे बढ़ते गए। ढोल दमाऊं और रणसिंघे की गूंज से सारा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। इस धार्मिक यात्रा की एक तरफ की दूरी सिमोग मंदिर से क्यारी गांव तक लगभग 60 किलोमीटर की है और दोनों ओर करीब 120 किलोमीटर की पैदल यात्रा है।
जुबिन नौटियाल ने जताया आभार
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जुबिन नौटियाल ने कहा कि हम बहुत भाग्यशाली हैं जो पहली बार तीनों देवता हमारे घर पधार रहे हैं। सभी काम छोड़कर आज मुझे यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है कि मैं देवता की पालकी को कंधा दे सकूं। उन्होंने कहा कि वह पूरे जौनसार बाबर को अपने परिवार की तरह ही मानते हैं। आज का दिन प्यार और मेल मिलाप का है और मैं अपने पूरे क्षेत्रवासियों को शुक्रिया और प्यार देना चाहूंगा कि इतना बड़ा दिन हम सब साथ में देख रहे हैं।