पीएम मोदी के लिए बड़ा खतरा, इस मुश्किल में ‘रक्षक’ बनेंगे पहाड़ी शेर अजित डोभाल !
Jul 24 2017 4:23PM, Writer:kapil
आपने कई बार सुना होगा कि देश की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट जारी करती हैं। कई बार कहा जाता है कि आतंकियों का टारगेट पीएम मोदी हैं। लेकिन इस बीच हर हिंदुस्तानी के लिए एक हैरान कर देने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इसके साथ ही पीएम मोदी के लिए ये खबर हैरान कर देने वाली साबित हो सकती है। ये रिपोर्ट बताती है कि साल 2020 में भारत में भयानक साइबर हमलों की संख्या बढ़ जाएगी। बताया जा रहा है कि भारत में हर सप्ताह करीब 200 मिलियन मालवेयर से संबंधित मामले सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही करीब 1,90,000 यूनीक साइबर हमलों के मामले भी सामने आ रहे हैं। भारत के साइबर सिक्यॉरिटी चीफ ने संसद की फाइनैंस स्टैंडिंग कमिटी को ये जानकारी दी है कि 2000 से लेकर अब तक साइबर हमलों ने खतरनाक रूप ले लिया है। छोटे साइबर अटैक अब बड़े मालवेयर का रूप ले चुके हैं। इसके साथ ही आसानी से खत्म ना किए जाने वाले वायरस की शक्ल ले चुके हैं। बताया जा रहा है कि सरकार इन हमलों से निपटने के लिए कई सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ सिविल एजेंसियों के का सहयोग ले रही है। ये एजेंसियां भारत के के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ मिलकर इन चुनौतियों से निपटने की नीति पर काम करेंगे। अब अजित डोभाल के कंधे पर ये जिम्मेदारी है कि आखिर इन खतरों से कैसे निपटा जाए। इसके साथ ही कहा गया है कि आने वाले वक्त में ये हमले और भी ज्यादा बढ़ सकते हैं। बताया जा रहा है कि इन हमलों को मुख्य लक्ष्य केंद्र सरकार या फिर राज्य सरकारें हो सकती है। इन हमलों के जरिए से सरकारी डेटा की चोरी जैसा काम हो सकता है, ऐसा साइबर सिक्योरिटी चीफ ने संसद की फाइनैंस स्टेंडिंग कमिटी को बताया है । कुल मिलाकर कहा जाए तो इस वक्त देश के पीएम के लिए भी एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है। आपको याद होगा कि कुछ वक्त पहले मुंबई के एक लड़के ने अपने घर से ही मोदी की ऐप्लीकेशन हैक कर ली थी।
इसके बाद उस लड़के ने बताया था कि किस तरह से देश का साइबर सिक्योरिटी सिस्टम नाकारा साबित हो रहा है। दरअसल देशभर में लगातार बढ़ती ऐप्लीकेशन और मोबाइल सर्विसेज साइबर सिक्योरिटी एक बड़ा चैलेंज साबित हो रही हैं। एक आंकड़ा कहता है कि भारत में करीब 2 बिलियन ट्रांजेक्शन इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से किए जाते हैं। ऐसे में पीएम मोदी को इस बारे में जरूर सोचना होगा। इससे पहले भी आपने रेंसमवेयर अटैक के बारे में सुना होगा। ये वो हमला था जिसकी वजह से दुनियाभर के करीब 99 मुल्कों में खलबली मच गई थी। इस बीच डिजिटल इकॉनमी पर एक रिपोर्ट संसद की फाइनेंस स्टेंडिंग कमेटी के सामने पेश की गई, जिसमें बताया गया कि फाइनैंस से संबंधित लोगों को साइबर हमलों से सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है। अब देखना ये है कि आखिर किस तरह से भारत सरकार इस बड़े खतरे से निपटती है। देश की नजरें अब पहाड़ी शेर अजित डोभाल पर जाकर टिक गई हैं।