उत्तराखंड: जोशीमठ में खतरे की सुगबुगाहट, फिर दिखे रहस्यमयी गड्ढे
एक बार फिर से जोशीमठ के लोगों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं, पिछले वर्ष हुए भू-धंसाव के जैसा मंजर दुबारा शुरू होने लगा है, लोगों को याद आ रहे हैं बीते डरावने दिन।
Jun 12 2024 6:32PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
आपदा प्रभावित जोशीमठ शहर के गांधी नगर वार्ड में बदरीनाथ हाईवे पर भू-धंसाव के कारण फिर से सात फीट गहरा गड्ढा उभर आया है, जिसे देख शहरवासियों को दुबारा से डर सताने लगा है। बताया जा रहा है कि इसी स्थान पर उत्तर रेलवे का आरक्षण केंद्र भी है।
A Mysterious Pit Was Seen Again in Joshimath Uttarakhand
पिछले वर्ष हुई जोशीमठ की आपदा को शायद ही कोई भूल पाया होगा, उस वक्त पूरे देश में इसकी चर्चाएं जोरों पर थी जिसके बाद प्रशासन द्वारा भू धंसाव वाले इलाकों पर सर्वे करवाया गया और असुरक्षित भवनों का ढहाया गया। कई ऐसे भवनों को चिन्हित किया गया जिनपर अधिक दरारें पड़ी थी और लोगों को वहां से स्थानांतरित भी किया गया। क्षतिपूर्ति करने के लिए लोगों को मुआवजा भी दिया गया जिससे लोग बिलकुल भी संतुष्ट नहीं थे। लेकिन कुछ दिनों से यहाँ फिर से बदरीनाथ हाईवे पर भू-धंसाव शुरू होने लगा है, जिसके चलते यहाँ पर सात फ़ीट गहरा गड्ढा उभरने लगा है इसे देखकर लोग फिर से सहमे हुए हैं।
स्थानीय लोगों की बढ़ रही चिंताएं
विगत वर्ष जनवरी 2023 से भू-धंसाव की मार झेल रहे जोशीमठ वासियों की चिंता कम नहीं हो रही है। उस समय शहर के 868 भवनों में दरारें आने के कारण 296 प्रभावित परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा था। इसके अलावा यहाँ पर दो बड़े होटल भी ध्वस्त किए गए थे। अब एक बार फिर शहर के गांधी नगर वार्ड में बदरीनाथ हाईवे पर लगभग सात फीट गहरा गड्ढा बन गया है। इसी स्थान पर उत्तर रेलवे का आरक्षण केंद्र भी स्थित है। वहां से वाहनों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की जा रही है। वहीं बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) का कहना है कि ड्रेनेज सिस्टम की कमी के कारण शहर में इस तरह के गड्ढे पहले भी उभरते थे, गड्ढों को भरने का काम जारी है।
गांधीनगर वार्ड डेंजर जोन में है शामिल
चारधाम यात्रा के चलते इलाके में काफी हलचल हो रही है, वहीं दूसरी तरफ इसी रास्ते से हेमकुंड और बद्रीनाथ धाम जाने वाले वाहन गुजरते हैं। स्थानीय लोगो ने बताया कि कुछ दिन पहले सड़क सुधार कार्य के दौरान भी हाईवे पर एक गड्ढा बन गया था, जिसे तुरंत ठीक कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि शहर में इस तरह बार-बार होने वाले भू-धंसाव से उनकी चिंताएं बढ़ रही है और वैसे भी गांधीनगर वार्ड भू-धंसाव के लिहाज से डेंजर जोन में आता है।