image: 3 Employees in CBI Custody in Uttarakhand Garden Scam

Uttarakhand: उद्यान विभाग के 3 कर्मचारी CBI की हिरासत में, कश्मीर से मंगाए गए फलदार पौधों में किया घोटाला

उत्तराखंड के उद्यान विभाग में आज कुछ बड़ा होने जा रहा है, यहाँ करोड़ों के घोटाले में विभाग के तीन कर्मचारियों को CBI हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है, हो सकता है शाम तक इनमे से किसी को गिरफ्तार भी किया जा सके।
Jun 13 2024 3:40PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

सीबीआई ने उत्तराखंड के बहुचर्चित उद्यान घोटाले में कार्रवाई की है। आज तीन कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है इन लोगों से सीबीआई ऑफिस में पूछताछ जारी है।

Three Employees in CBI Custody in Uttarakhand Garden Scam

पिछले साल अक्तूबर से सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई को मामले की जांच सौंपी गई थी। बताया जा रहा है कि मामले में आज शाम तक इन कर्मचारियों में से कुछ की गिरफ्तारी भी हो सकती है। उद्यान विभाग में फलदार पौधों की ख़रीद में गड़बड़ी हुई थी, हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीसीआईडी से इस जांच को सीबीआई के हवाले किया गया जिसपर जांच जारी है।

उद्यान विभाग में हुआ करोड़ों का घोटाला

जनपद अल्मोड़ा निवासी दीपक करगेती, गोपाल उप्रेती और अन्य ने जनहित याचिका दाखिल कर, उद्यान विभाग में घोटाले का आरोप लगाया था। याचिकाकर्ताओं ने बताया था कि उद्यान विभाग में करोड़ों का घोटाला किया गया है और फलदार पौधों की खरीद में गड़बड़ियां हुई हैं। विभाग ने यहाँ पर एक ही दिन में वर्कऑर्डर जारी कर, उसी दिन जम्मू कश्मीर से पौधे लाना दिखाया है और भुगतान भी उसी दिन किया गया है। इसमें चौंकाने वाली बात ये है कि जिस कंपनी से पौधे ख़रीदे गए उसे लाइसेंस भी उसी दिन मिला था जिस दिन पौधे ख़रीदे गए। याचिकाओं के आधार पर उच्च न्यायलय ने मामले की जांच शासन के निर्देश पर सीबीसीआईडी को सौंपी गई। लेकिन याचिकाकर्ता इस जाँच से संतुष्ट नहीं थे उन्होंने दोबारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

उद्यान विभाग के डायरेक्टर भी हो चुके हैं सस्पेंड

पिछले साल ही अक्टूबर में इस जाँच को सीबीआई के हवाले किया गया। इस मामले में उद्यान विभाग के डायरेक्टर को सस्पेंड भी किया जा चुका है। आरोप है कि निदेशक ने मुख्य उद्यान अधिकारी के साथ मिलकर झूठे आवंटन का आदान-प्रदान किया जिसके तहत जम्मू और कश्मीर की बरकत एग्रो फार्म को लाभ पहुंचा। बरकत एग्रो को इनवाइस बिल से पहले ही भुगतान किया दिया गया था। इसके अलावा लेखाकार के हस्ताक्षर के बिना ही करोड़ों के बिल पास किये गए। आज शाम तक इसपर कुछ और फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है और गिरफ्तारियां हो सकती है।


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