UKSSSC: परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे नकलची, आयोग ने जारी की नई नियमावली
हाईकोर्ट ने आदेश के बाद डिबार हुए अभ्यर्थियों को परीक्षाओं में शामिल करने को कहा गया था लेकिन यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष ने कहा है कि नकलचियों पर सख्ती की जाएगी।
Jun 28 2024 3:18PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक प्रकरणों में शामिल अभ्यर्थियों के लिए नई नियमावली तैयार की है और मंजूरी के लिए इसे शासन को भेज दिया गया है। इसके तहत आयोग एक से पांच साल के लिए उन्हें सीधे तौर पर डिबार करेगा।
UKSSS Took Action Against Debar Candidates
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने प्रदेश की आठ भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों में 249 अभ्यर्थियों को पांच साल के लिए परीक्षाओं से डिबार किया था। इनमें से लगभग 65 अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट से स्टे लेकर आए थे। आयोग ने पुलिस की जांच के आधार पर डिबार की कार्रवाई की थी, लेकिन पुलिस ने अधिकांश अभ्यर्थियों को सरकारी गवाह बना लिया। इस कारण ये अभ्यर्थी फिलहाल परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। हालांकि कानूनी दांव-पेचों के बावजूद भविष्य में ये अभ्यर्थी डिबार होने से बच नहीं पाएंगे। उसके लिए आयोग ने नई नियमावली बनाई है।यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि आयोग ने एक नियमावली तैयार करके शासन को भेजी है, जिसके तहत पांच श्रेणियों में अभ्यर्थियों को दंडित किया जाएगा। इसमें ओएमआर शीट की अदला-बदली करने, परीक्षा कक्ष में मोबाइल या कैलकुलेटर का इस्तेमाल, किसी अन्य के स्थान पर परीक्षा में शामिल होने, ओएमआर की डुप्लीकेट कॉपी भी अपने साथ ले जाने और अन्य किसी तरह से नकल करने की श्रेणी शामिल है और आयोग ने श्रेणीवार एक से पांच साल तक डिबार करने का नियम बनाया है।
नकलरोधी क़ानून से है अलग
उन्होंने बताया कि शासन से मंजूरी मिलने के बाद आयोग की आने वाली सभी भर्ती परीक्षाओं में इसे लागू कर दिया जाएगा और इसके लागू होने के बाद आयोग बेहद बारीकी से अभ्यर्थियों को डिबार करेगा। नई नियमावली में आयोग के स्तर से कार्रवाई होगी और यह नकलरोधी कानून से अलग है वह पुलिस के स्तर की कार्रवाई होने पर लागू होता है उसका इस से कोई टकराव नहीं होगा। साथ ही यदि मामला गंभीर होता है तो आयोग इसमें एफआईआर भी कराएगा।