हल्द्वानी: हर्षिका ने भगवान श्रीकृष्ण से ही रचा लिया व्याह, बचपन से रखती आई है करवाचौथ का व्रत
प्रदेश में पहली बार ऐसा कुछ होने जा रहा है जिसपर लोगों का विश्वास करना थोड़ा मुश्किल है। पर यह एक सत्य घटना है, बीते दिन से विवाह के मांगलिक कार्य शुरू हो गए हैं और आज गाजे-बाजे के साथ हल्द्वानी की बेटी के घर मुरली मनोहर की बारात आएगी।
Jul 11 2024 12:39PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का आनंद ऐसा है कि जो भी भक्त उनकी पूजा में लीन होता है, वह स्वयं में ही दिव्यता का अनुभव करता है। हरि के नाम का जप और उनकी शरण में रहकर जीवन को एक नई दिशा मिलती है। हल्द्वानी की हर्षिका पंत भी इस भक्ति में लीन हैं और उन्होंने कान्हा से विवाह करने की इच्छा व्यक्त की है।
Uttarakhand Girl Marriage with Lord Shrikrishna
बागेश्वर निवासी पूरन चंद्र पंत वर्ष 2020 से हल्द्वानी में निवास कर रहे हैं। उनकी बेटी हर्षिका की भक्ति और श्रद्धा भगवान श्रीकृष्ण के प्रति बचपन से ही अत्यंत गहरी रही है। जब वह केवल आठ साल की थी, तब उसने एक स्वप्न में कान्हा के दर्शन किए और यह अनुभव उसने अपनी माता मीनाक्षी पंत के साथ शेयर किया। इस दिव्य अनुभव के बाद से ही हर्षिका की श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति और श्रद्धा में लगातार बढ़ती गई। 10 साल की उम्र में उसने कान्हा के लिए करवाचौथ का व्रत रखना शुरू किया, जो कि अब उसकी प्रतिवर्ष की धार्मिक परंपरा बन चुकी है।
प्रेम मंदिर वृंदावन में हुआ धार्मिक अनुष्ठान
हर्षिका की श्रीकृष्ण के प्रति गहरी भक्ति के चलते उसने कान्हा से विवाह करने की इच्छा व्यक्त की जिसे उसके परिवार ने भी समर्थन दिया। उनके पिता ने बताया कि इस धार्मिक परंपरा को पूरा करने के लिए उन्होंने पुरोहित से सलाह ली और फिर उन्होंने वृंदावन में विवाह आयोजन करने की सलाह दी। हालांकि वहां जाकर आयोजन करना संभव नहीं था, इसलिए परिवार ने 1 जुलाई को प्रेम मंदिर वृंदावन में जाकर भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ धार्मिक अनुष्ठान पूरा किया और फिर 3 जुलाई को हल्द्वानी वापस आकर शादी की रस्में निभाईं। इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान के साथ-साथ धूमधाम से महिला संगीत का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया जिसमें स्थानीय लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
प्रभु की कृपा से पिता की सेहत में सुधार
हर्षिका के पिता पूरन चंद्र पंत ने बताया कि वर्ष 2020 में उन्हें अटैक आया, जिससे उनका शरीर पैरालाइज हो गया। वे 10 से 15 दिन तक बेहोश रहे और जब होश में आए तो बेटी ने कहा कि कान्हा जी ने उन्हें ठीक कर दिया है। इसके बाद से उनकी श्रीकृष्ण के प्रति श्रद्धा और भी बढ़ गई है, उनका इलाज अभी भी जारी है।