उत्तराखंड में विधायकों की मौज ही मौज, भत्ते और सुविधाओं में हुई बढ़ोतरी, विदेशों में इलाज भी फ्री
उत्तराखंड में विधायकों के भत्ते और सुविधओं में इजाफा किया जा रहा है। बढ़ती मंहगाई को आधार बनाते हुए विभिन्न श्रेणियों की सुविधाओं में बढ़ोतरी हो रही है।
Aug 22 2024 7:58PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट एक अप्रैल 2022 से लागू होने की संभावना है। इसमें यह प्रावधान शामिल है कि विधानसभा के वर्तमान या पूर्व सदस्य एम्स की सिफारिश पर विदेश में उपचार करा सकेंगे।
MLAs in Uttarakhand Will Get More Allowances And Facilities
उत्तराखंड में विधायकों की भत्तों और चिकित्सा सुविधाओं में बढ़ोतरी की तैयारी हो रही है। विधायक, पूर्व विधायक और उनके आश्रितों को अब कैशलेस इलाज की सुविधा देने की योजना बनाई जा रही है, जिसमें उन्हें सरकारी खर्च पर विदेश में भी उपचार की सुविधा मिलेगी। बुधवार को सरकार ने सदन में तदर्थ समिति की रिपोर्ट पेश की जिसमें विधायकों की कुछ सुविधाओं को बढ़ाने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट के अनुसार यह प्रावधान एक अप्रैल 2022 से लागू होगा। इसमें यह व्यवस्था की गई है कि वर्तमान या पूर्व विधानसभा सदस्य, एम्स की सिफारिश पर विदेश में इलाज करवा सकेंगे।
सरकारी कर्मचारियों की तरह बनेगा गोल्डन कार्ड
साथ ही उन्हें सरकारी कर्मचारियों की तरह कैशलेस इलाज की सुविधा यानी गोल्डन कार्ड भी दी जाएगी। इसके तहत उन्हें प्रदेश के प्रमुख अस्पतालों और दिल्ली के फोर्टिस, राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर और एम्स दिल्ली में भी उपचार की सुविधा मिलेगी। स्वयं उपचार कराने पर चिकित्सा खर्च की प्रतिपूर्ति की सुविधा भी बहाल रहेगी। तदर्थ समिति ने विभिन्न राज्यों का अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखते हुए विभिन्न श्रेणियों में वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं बढ़ाने की सिफारिश की गई। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि समिति की केवल व्यवहारिक सिफारिशों को स्वीकार किया गया है, जबकि कई अन्य सिफारिशों को निरस्त कर दिया गया।
रिपोर्ट सदन में पेश जल्द बनेगा एक्ट
सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में विधायकों के कुछ भत्तों में संशोधन भी किया गया है, जिसमें तीस हजार रुपये तक की वृद्धि शामिल है। अब विधायकों को डीजल-पेट्रोल खर्च के लिए प्रतिमाह 30 हजार रुपये तक नकद राशि मिलेगी। विधायकों की सुविधाओं में संशोधन के लिए तदर्थ समिति ने कुछ सिफारिशें की थीं, जिनमें से कुछ को स्वीकार करते हुए रिपोर्ट को सदन में पेश किया गया है। अब इसे कानून का रूप दिया जाएगा।