image: First Govt Perfume Lab to Built in Uttarakhand

Uttarakhand: दुनिया में महकेगा देवभूमि का इत्र, देश की पहली सरकारी लैब तैयार.. 24000 किसान कर रहे खेती

उत्तराखंड में उगाए जाने वाले सुगंधित पौधों से बने इत्र की महक अब देश-विदेश तक पहुंचेगी। इसके लिए सेलाकुई स्थित सगंध पौध केंद्र में इत्र विकास प्रयोगशाला का निर्माण किया जा रहा है।
Aug 29 2024 7:33PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

राज्य में पहली सरकारी इत्र विकास प्रयोगशाला की स्थापना हो रही है, जो देश की पहली सरकारी लैब होगी। इस प्रयोगशाला में तीन करोड़ रुपये की लागत से परफ्यूम की गुणवत्ता की जांच की जाएगी और खुशबू को मानकों के अनुसार परखा जाएगा।

Country's First Government Perfume Lab to Built in Uttarakhand

उत्तराखंड में एरोमा उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 में सेलाकुई स्थित सगंध पौध केंद्र (कैप) में 40 करोड़ की लागत से निर्मित परफ्यूम क्रिएशन लैब का उद्घाटन किया था। इस प्रयोगशाला में एरोमा पौधों से निकलने वाले तेल और विभिन्न उत्पादों के लिए शोध किया जा रहा है। कैप की ओर से तिमूर, डेमेस्क गुलाब, लैमनग्रास, तेजपात, कैरोमाइल, जापानी मिंट, वन तुलसी, सुरई, कुंजा, और कालाबासा जैसी एरोमा प्रजातियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिनके तेल का उपयोग परफ्यूम और कास्मेटिक उत्पादों में होता है।

उत्तराखंड में एरोमा का कारोबार प्रतिवर्ष 100 करोड़

अब तक परफ्यूम बनाने वाली निजी कंपनियों के पास अपनी लैब्स थीं, सरकारी स्तर पर इत्र की गुणवत्ता जांचने और खुशबू को परखने के लिए ऐसी कोई प्रयोगशाला नहीं थी। सगंध पौध केंद्र का दावा है कि देश की पहली सरकारी इत्र विकास प्रयोगशाला उत्तराखंड में बन रही है जिसे जल्द ही शुरू किया जाएगा। उत्तराखंड में एरोमा और उससे जुड़े उत्पादों का कारोबार हर साल बढ़ता जा रहा है, जो अब 100 करोड़ रुपये सालाना तक पहुंच चुका है। प्रदेश सरकार द्वारा एरोमा खेती और उत्पादों को बढ़ावा देने के प्रयासों के चलते यह वृद्धि हो रही है। दिसंबर 2023 में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तिमूर के बीज से तैयार इत्र की प्रशंसा की थी।

24 हजार किसान कर रहे हैं एरोमा की खेती

इस दौरान सगंध पौध केंद्र के वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री को तिमूर के इत्र की विशेषताओं से अवगत कराया। केंद्र के प्रयासों से वर्तमान में 24,000 किसान एरोमा की खेती में जुटे हैं। सगंध पौध केंद्र किसानों को एरोमा पौध निशुल्क उपलब्ध कराता है और उन्हें खेती की प्रशिक्षण भी प्रदान करता है। इत्र विकास प्रयोगशाला के निर्माण से प्रदेश में एरोमा के उपयोग को और बढ़ावा मिलेगा, साथ ही दक्ष मानव संसाधन भी उपलब्ध होंगे। एरोमा उत्पादों की मांग न केवल कास्मेटिक उद्योग में, बल्कि फ्लेवर युक्त खाद्य उत्पादों के निर्माण में भी बढ़ रही है।


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