Uttarakhand News: केदारनाथ उपचुनाव से पहले धामी मंत्रिमंडल का होगा विस्तार, बनेंगे तीन नए मंत्री
केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव से पहले धामी कैबिनेट में विस्तार की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा पार्टी आलाकमान के निर्देश पर उत्तराखंड मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं।
Sep 10 2024 11:52AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि पितृपक्ष शुरु होने से पहले यानी 17 सितम्बर से पूर्व मंत्रिमंडल का विस्तार होने की सांभावना है।
Dhami Cabinet May Soon Be Expanded in Uttarakhand
इन दिनों धामी मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चाएं हैं और जल्द ही पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में तीन से चार नए मंत्रियों की नियुक्ति की जा सकती है। इसके अलावा हाईकमान के निर्देश पर फेरबदल की संभावना भी बनी हुई है। पितृपक्ष की शुरुआत से पहले जो 17 सितंबर से होने जा रहा है, इस मामले पर गहन मंथन किया जा रहा है। वर्तमान में धामी की टीम में आठ सदस्य हैं जबकि संवैधानिक प्रावधान के अनुसार मंत्रिमंडल में अधिकतम 12 सदस्य हो सकते हैं। 2022 में भाजपा की सत्ता में वापसी के समय धामी मंत्रिमंडल में नौ सदस्य नियुक्त किए गए थे और तीन पद रिक्त रखे गए थे।
उपचुनाव और निकाय चुनाव से जुड़ी चर्चाएं
पिछले वर्ष कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन के कारण एक और स्थान रिक्त हो गया था। मंत्रिमंडल के सीमित आकार के कारण विस्तार की चर्चाएं कई बार उठी, लेकिन विभिन्न कारणों से यह प्रक्रिया लंबित रही। अब जबकि राज्य में केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव और नगर निकाय तथा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव निकट भविष्य में होने वाले हैं, राजनीति के गलियारों में मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाएं जोर पकड़ रही हैं। हाल ही में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने संकेत दिए थे कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को केंद्रीय नेतृत्व के साथ मंत्रिमंडल विस्तार पर एक और बैठक करनी होगी।
विभागीय फेरबदल की भी संभावना
इसके बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे पर हमेशा मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा होती है, लेकिन इस बार यह मुद्दा खासतौर पर सुर्खियों में है। वर्तमान में मुख्यमंत्री इस विषय पर गहन मंथन में जुटे हैं और पार्टी हाईकमान से हरी झंडी मिलते ही विस्तार की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। साथ ही यह भी चर्चा है कि कुछ मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं। इस बीच सभी की नजरें मुख्यमंत्री के अगले कदम पर हैं, क्योंकि मंत्रिमंडल विस्तार उनके विशेषाधिकार में आता है।