रुद्रप्रयाग: गुप्तकाशी की राखी चौहान सेना में बनीं लेफ्टिनेंट, मेडिकल विंग में हुई शामिल
सफलता का अर्थ है मेहनत और संघर्ष है, राखी चौहान ने यह साबित करके दिखाया है कि दृढ़ संकल्प से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
Sep 24 2024 8:00AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
आर्थिक समस्याओं का सामना करते हुए पिता ने किसी तरह अपनी बेटी को नर्सिंग की पढ़ाई करवाई। जब उनकी बेटी सेना में लेफ्टिनेंट बनी तो पिता की आंखों में खुशी के आंसू आ गए।
Rakhi Chauhan Becomes Lieutenant in The Indian Army
जीवन के किसी भी कार्य में सफलता के लिए कड़ी मेहनत और लगन जरूरी है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है उत्तराखंड की बेटी ने। गुप्तकाशी के देवर गांव की राखी चौहान का भारतीय सेना के मेडिकल विंग में लेफ्टिनेंट के रूप में चयन हुआ है। उनका चयन शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत हुआ, जिससे परिवार और गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है। सभी लोग राखी और उनके परिवार को बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं। राखी ने अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज गुप्तकाशी से की और उच्च शिक्षा मानव भारती कॉलेज देहरादून से प्राप्त की। एक साधारण परिवार में जन्मी राखी ने सुभारती मेडिकल कॉलेज से नर्सिंग का कोर्स पूरा किया। अपनी महत्वाकांक्षा और मेहनत से वह घंटों तक पढ़ाई करती रही और अंततः अपने सपनों को साकार करने में सफल रही।
प्रेरणा का प्रतीक बनी लेफ्टिनेंट राखी चौहान
राखी चौहान के पिता दिलीप सिंह चौहान होटल व्यवसाय से जुड़े हैं, जबकि उनके दोनों भाई प्राइवेट व्यवसाय में काम कर अपने परिवार का सहारा बने हैं। जब उनके पिता को अपनी बेटी की इस बड़ी उपलब्धि की खबर मिली, तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए। उन्होंने बताया कि राखी का बचपन से ही शांत और मधुर स्वभाव था। हालांकि आर्थिक कठिनाइयों का सामना करते हुए, दिलीप ने अपनी बेटी को नर्सिंग का कोर्स करने का मौका दिया। राखी ने केवल यहीं तक सीमित नहीं रही, उसने ठान लिया कि उसे सैन्य अधिकारी बनकर देश की सेवा करनी है। इस जुनून के चलते उसने भारतीय सेना के ऑल इंडिया मेडिकल विंग में 52वीं रैंक हासिल की और लेफ्टिनेंट बन गईं। राखी की उपलब्धि से परिवार में ख़ुशी का माहौल है लोग उन्हें बधाईयां दे रहे हैं।