Uttarakhand: शिव मंदिर में साधु बनकर रह रहा था दूसरे समुदाय का युवक, आधार कार्ड देखा तब लगा पता
इन दिनों उत्तराखंड में बाहरी राज्यों के लोग आसानी से शरण ले रहे हैं। कुछ लोग शरणार्थी बनकर रह रहे हैं, जबकि कुछ साधु का वेश धारण कर ढोंग रच रहे हैं। यही कारण है कि उत्तराखंड की डेमोग्राफी लगातार बदल रही है, जो कि एक बेहद चिंताजनक विषय है।
Sep 29 2024 2:44PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
यहाँ शिव मंदिर में साधु के वेश में रह रहे एक युवक की असल पहचान उजागर होने पर ग्रामीणों ने उसे भगा दिया। लंबे समय से उस पर संदेह था और जब लोगों ने उसके आधार कार्ड की जांच की तो सच्चाई सामने आई। फिलहाल यह मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा है।
Man From Another Community Was Living as a Monk in The Temple
मिली जानकारी के अनुसार पेटशाल स्थित शिव मंदिर में बीते 3-4 महीनों से रह रहे एक व्यक्ति पर स्थानीय लोगों को शक था। गांव के प्रधान ने बताया कि लोग उसकी गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। शनिवार को पूछताछ के दौरान वह नाम-पता बताने में हिचकिचाया जिससे संदेह और बढ़ गया। जब लोगों ने उसकी जांच की तो उसके आधार कार्ड में उसे दूसरे समुदाय का पाया गया नाम वकील (42) निवासी आगरा यूपी लिखा था। इसके बाद लोगों ने उसे तुरंत मंदिर खाली करने का कहा और वहां से भगा दिया। एसएसपी देवेंद्र पींचा ने बताया कि पुलिस सत्यापन अभियान को और तेज करेगी।
पहचान ऐप से कुमाऊं में बाहरी लोगों का सत्यापन होगा आसान
अब कुमाऊं में बाहरी राज्यों से आकर रहने वाले लोग अपनी पहचान नहीं छिपा सकेंगे। पुलिस ने इसके लिए 'पहचान ऐप' शुरू किया है, जिससे अपराधियों पर सख्ती की जाएगी और ईमानदारी से काम करने वालों का सत्यापन भी सरल होगा। ऐप के जरिए हजारों लोगों का सत्यापन और उनका ऑनलाइन रिकॉर्ड आसानी से एकत्रित किया जा सकेगा। पहले चरण में नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों के संवेदनशील इलाकों में 27 हजार लोगों का डाटा अपलोड किया जा चुका है। 30 हजार लोगों का डाटा अपलोड होने पर ऐप को लॉन्च किया जाएगा। सीओ हल्द्वानी नितिन लोहनी ने बताया कि ऐप से बाहरी नागरिकों का उनके गृहनगर की पुलिस द्वारा सत्यापन आसान होगा, जिससे अपराधी यहां छिपकर नहीं रह सकेंगे।