उत्तराखंड में हर भूमि की होगी एक खास यूनिक आईडी, 3000 गांवों से शुरू हुआ धामी सरकार का मास्टर प्लान
उत्तराखंड में अब हर एक भूमि के लिए एक विशेष यूनिक आईडी प्रदान करने की योजना है। इस यूनिक आईडी के माध्यम से भूमि की पूरी जानकारी प्राप्त होगी।
Sep 30 2024 6:15PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
राजस्व विभाग ने तीन हजार गांवों में यह कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और दिसंबर तक इसे पूरी तरह से लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अब उत्तराखंड में हर भूमि के लिए एक विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या उपलब्ध होगी।
Now Every Land in Uttarakhand Will Have A Unique ID
उत्तराखंड में भूमि की जानकारी सामान्यतः खसरा-खतौनी से प्राप्त होती है। अब राजस्व विभाग एक नई पहल के तहत हर भूमि को एक विशेष यूनिक आईडी प्रदान करने की योजना बना रहा है। यह प्रयास केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक भूमि को एक विशिष्ट नंबर मिलेगा, जिससे भूमि का स्थान, उसके देशांतर और अक्षांश निर्देशांक और भूस्वामी की जानकारी भी उपलब्ध होगी। इसके साथ ही राजस्व विभाग भूमि के अंश निर्धारण से संबंधित जानकारी प्रदान करने की व्यवस्था पर भी काम कर रहा है। राजस्व सचिव एसएन पांडे के अनुसार भूमि के लिए विशेष आईडी देने की योजना पर कार्य चल रहा है, जिससे भूमि की पहचान और प्रबंधन में सुधार हो सके।
16,000 से अधिक गांव के लिए होनी है यूनिक आईडी तैयार
राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्य मंत्रालय से प्राप्त सॉफ़्टवेयर के माध्यम से किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में डिजिटल मैप का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें खेत नंबर और उसके देशांतर तथा अक्षांश निर्देशांक (गूगल कोआर्डिनेट) मिलाकर विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या तैयार की जाती है। राज्य में 16,000 से अधिक गांव हैं, जिनमें से राजस्व विभाग ने 3 हजार से अधिक गांवों की भूमि के लिए यूनिक आईडी तैयार कर ली है, हालांकि इसे अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। भविष्य में जब सभी भूमि की यूनिक आईडी तैयार हो जाएंगी और सार्वजनिक की जाएंगी, तो किसी भूमि के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए खसरा या विभागीय भूलेख वेबसाइट पर जाकर खोजने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इस नंबर के माध्यम से भूमि की जानकारी हासिल करना बेहद सरल हो जाएगा।