रुद्रप्रयाग: नकली डिग्री पर नौकरी कर रहा था शिक्षक, अब पुरसाड़ी जेल में काटेगा 5 साल कारावास
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने फर्जी शिक्षक को जाली दस्तावेज बनाकर सरकारी नौकरी हांसिल करने के आरोप में पांच साल की सजा सुनाई गई है।
Oct 6 2024 4:50PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
एक शिक्षक को धोखाधड़ी और जाली दस्तावेज बनाने का दोषी ठहराया गया है। सजा के साथ 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। इसके बाद फर्जी शिक्षक को न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार पुरसाड़ी, चमोली भेज दिया गया।
Teacher Gets 5 Year Sentence for Using Fake Degree to Secure Job
रुद्रप्रयाग जिले में तैनात शिक्षक महेंद्र सिंह ने बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल की। शिक्षा विभाग द्वारा की गई जांच में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से सत्यापन कराया गया, जिसमें पुष्टि हुई कि शिक्षक के नाम पर कोई बीएड की डिग्री जारी नहीं हुई थी। इसके बाद शासन स्तर से एसआईटी द्वारा भी जांच कराई गई। जांच के निष्कर्ष के आधार पर शिक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
धोखाधड़ी के दोषी शिक्षक को मिली पांच साल की सजा
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी की अदालत ने गुरुवार को महेंद्र सिंह को धोखाधड़ी का दोषी मानते हुए पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माना न देने की स्थिति में तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इसके अतिरिक्त जाली दस्तावेज बनाने के अपराध में दो साल के कठोर कारावास और 5,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। जुर्माना न चुकाने पर एक महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।