image: Jeevan Singh Became Permanent Assistant Teacher at The Age of 58

Uttarakhand: 2 साल के लिए परमानेंट हुए गढ़वाल के 2 शिक्षक, 15 साल से शिक्षा मित्र हैं जसवंत और जीवन सिंह

सोमवार का दिन जीवन सिंह और उनके साथी जसवंत सिंह के लिए एक ख़ुशी का दिन था। 58 वर्षीय जीवन सिंह ने 15 साल से अधिक समय तक शिक्षा मित्र के बाद अब बेसिक शिक्षा विभाग में स्थायी अध्यापक बने हैं।
Oct 8 2024 2:55PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

जसवंत सिंह भी स्थायी शिक्षक बनने पर बेहद खुश थे। हालांकि इस खुशी के साथ एक गम भी था, क्योंकि अब उनके पास स्थायी शिक्षक के रूप में सेवाएं देने के लिए केवल 2 साल का ही समय बचा है।

Jeevan Singh and Jaswant Singh get Permanent at The Age of 58

सोमवार शाम को ननूरखेड़ा स्थित एससीईआरटी सभागार में नवनियुक्त बेसिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जब जीवन सिंह और जसवंत सिंह को मंच पर बुलाया, तो सभागार तालियों की गूंज से भर गया। जीवन सिंह ने बताया कि वे अब तक विभाग में 20 हजार रुपये प्रति माह की मानदेय पर काम कर रहे थे। जबकि सरकार ने पहले ही उनका डीएलएड करवा दिया था, लेकिन टीईटी पास न होने के कारण उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पा रही थी। जीवन सिंह 2021 में टीईटी पास कर स्थायी शिक्षक बनने के लिए पात्र हो गए। वहीं जसवंत सिंह ने 2019 में टीईटी किया था, लेकिन भर्ती प्रक्रिया में देरी के कारण उन्हें स्थायी नौकरी में आने में वक्त लगा। इस कार्यक्रम में कुछ अन्य शिक्षा मित्रों को भी नियुक्ति पत्र सौंपे गए।

स्थायी होने के बाद 55 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा

मानदेय पर कार्यरत शिक्षा मित्रों को हर महीने 20 हजार रुपये का वेतन मिलता है, लेकिन स्थायी होने के बाद ये शिक्षक 4200 रुपये ग्रेड-पे पर आ जाएंगे, जिससे उनका वेतन लगभग 55 हजार रुपये हो जाएगा। जीवन सिंह ने कहा, यह खुशी का मौका है, लेकिन अब क्या कहें? यह स्थिति सिर्फ दो साल तक ही रहेगी। फिर भी उन्होंने परिवार के साथ मिलकर इस खुशी को मनाने का फैसला किया। यह ध्यान देने योग्य है कि शिक्षा मित्रों के लिए डीएलएड और टीईटी पास करने के बाद स्थायी होने का प्रावधान है और इस प्रक्रिया में आयु सीमा की कोई बाध्यता नहीं है।


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