उत्तराखंड: कभी 5000 से शुरू किया था काम, आज 40 पहाड़ी उत्पादों से साल के कमाती हैं लाखों
उत्तराखंड की महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे हैं तथा कई ऐसी महिलाएं हैं जो खुद के दम पर अपना एक सफल बिजनेस चला रही हैं। प्रीति की कहानी इसी दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण है।
Oct 25 2024 2:14PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
कोरोना काल में नौकरी छोड़कर प्रीती ने 5,000 रुपये की शुरुआती पूंजी से महिलाओं के साथ मिलकर मशरूम फार्मिंग शुरू की। आज वह कई महिलाओं के साथ मिलकर बड़ी, अचार, मुरब्बा, हैंडीक्राफ्ट और पिछौड़ा जैसे उत्पाद बना रही हैं। इस प्रयास से उनकी सालाना कमाई 12 लाख रुपये तक पहुंच गई है।
From ₹5,000 to ₹12 Lakh, A Business Success Story of Preeti
प्रीति बताती हैं कि उन्होंने अपनी बुआ के साथ मिलकर अपने इस सफर की शुरुवात की थी और उन्होंने हर समय उनका साथ दिया। लेकिन कोविड के दौरान उनकी बुआ का निधन हो गया। बुआ को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रीति ने उनके नाम पर एक ब्रांड स्थापित किया जिसका नाम ‘बुआ जी पहाड़ी जंक्शन’ रखा। प्रीति जो इस ब्रांड समूह की संचालिका और उद्यमी हैं, कहती हैं कि इस ब्रांड की कहानी उन पहाड़ी महिलाओं से शुरू होती है, जो ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं। ये महिलाएं न तो शिक्षा का कोई साधन रखती थीं और न ही रोजगार के इसलिए वे जंगलों से लकड़ी और चारा इकट्ठा करके बेचती थीं। कोरोना काल में सब कुछ ठप होने के कारण प्रीति ने अपनी दो बुआ और अन्य महिलाओं के साथ मिलकर जंगलों से लकड़ी और घास-फूस इकट्ठा करके एक शेल्टर तैयार किया और वहां मशरूम की खेती शुरू की।
5 हजार से शुरू कर प्रीति ने 40 उत्पादों का कारोबार बनाया
5,000 रुपये की छोटी पूंजी से शुरू किए गए इस काम से उन्होंने अचार बनाना भी सीखा। आज वह पहाड़ी उत्पादों, अचार, बड़ी, ऐपण से की-चेन, तोरण, वॉल हैंगिंग, हैंडीक्राफ्ट आदि के लगभग 40 प्रकार के उत्पाद तैयार कर रही हैं और महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं। उनके मिलेट्स के उत्पाद बहुत पसंद किए जाते हैं। प्रीति ने बताया कि वह मशरूम के अचार के अलावा अदरक, हल्दी, टमाटर, तिमूल, लिंगूड़ा, मिक्स, लहसुन, आम और आंवला का अचार भी तैयार करती हैं। उनके पास लहसुन मिर्च नून, भांग पीसी नून, अलसी पीसी नून, धनिया पीसी नून और पुदीना पीसी नून जैसे उत्पाद भी उपलब्ध हैं। अब तो देश-विदेश से भी उनके पास ऑर्डर आने लगे हैं।