image: Teachers unavailable students conducted half-yearly exam

उत्तराखंड में शिक्षा व्यवस्था के हाल बुरे, शिक्षक नहीं आये तो छात्रों ने स्वयं कराई परीक्षा

टिहरी जनपद के जाखणीधार ब्लाक के जूनियर हाईस्कूल नेल्डा में भी इन दिनों अर्धवार्षिक परीक्षा चल रही है। सुबह बच्चे परीक्षा देने के लिए स्कूल पहुंचे, लेकिन अध्यापक विद्यालय नहीं पहुंचे।
Oct 25 2024 4:20PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

राज्य में सरकारी शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है। कई ऐसे सरकारी विद्यालय हैं, जहां शिक्षक हर दिन स्कूलों में देर से आते हैं और कभी तो बिना कोई जानकारी दिए स्कूल में गैरहाजिर रहते हैं। ऐसे में बच्चे सुबह प्रार्थना से लेकर छुट्टी तक स्कूल में बिना शिक्षकों के रहते हैं। लेकिन इस बार तो हद हो गई।

Teachers unavailable, Students conducted half-yearly exam by themselves

अर्धवार्षिक परीक्षा के दिन भी टीचर स्कूल में मौजूद नहीं रहे, जिस कारण बच्चों ने खुद ही पेपर करके घर चले गए। टिहरी जनपद के जाखणीधार ब्लाक के जूनियर हाईस्कूल नेल्डा में भी इन दिनों अर्धवार्षिक परीक्षा चल रही है। बुधवार 23 अक्टूबर को कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के बच्चों का गणित और कला विषय की परीक्षा का दिन था, तीनों कक्षाओं के 18 विद्यार्थियों ने ये परीक्षा देनी थी। सुबह बच्चे परीक्षा देने के लिए स्कूल पहुंचे, लेकिन अध्यापक विद्यालय नहीं पहुंचे। बच्चों ने कई देर तक अपने अध्यापकों का इंतजार किया, लेकिन जब उन्हें लगा कि अब उनके अध्यापक स्कूल नहीं पहुंचेंगे तो छात्र-छात्राओं ने स्वयं से प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिकाएं बांटकर परीक्षा देने लगे। छात्रों ने प्रश्नपत्र हल करने के बाद स्वयं की उन्हें जमा कर स्कूल को ताला लगाकर घर वापस चले गए।

दोनों "जिम्मेदार" शिक्षक रहे नदारद

जूनियर हाईस्कूल नेल्डा में प्रधानाध्यापक प्रमोद रावत और एक शिक्षिका बीरू देवी भी तैनात हैं। प्रधानाध्यापक प्रमोद रावत से जब परीक्षा के दिन अनुपस्थित रहने का कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनका स्वास्थ्य अचानक खराब होने के कारण उन्हें अस्पताल जाना पड़ा। शिक्षिका बीरू देवी ने कहा कि वे जूनियर हाईस्कूल समणगांव से स्थानांतरण के बाद उन्होंने जूनियर हाईस्कूल नेल्डा में ज्वाइनिंग भी दे दी है, लेकिन वे सेवा अब भी समणगांव विद्यालय में ही दे रही हैं।

नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़

सरकारी स्कूलों में होने वाली ये लापरवाहियां बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। कहीं स्कूलों में बच्चों को साल भर पढ़ाया नहीं जाता और परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र के साथ ही उत्तरपुस्तिका भी दी जाती हैं। इन गैरजिम्मेदार शिक्षकों की नज़रों में उन बच्चों के भविष्य का कोई मोल ही नहीं है।


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