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उत्तराखंड: सरकारी स्कूलों में चुनी गई 70 से ज्यादा महिलाएं नहीं बन सकेंगी टीचर, रद्द हुआ चयन

उत्तराखंड के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर चयनित 70 से अधिक महिला अभ्यर्थियों का चयन रद्द किया जाएगा और उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा।
Oct 28 2024 11:09AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

शिक्षा विभाग में 2906 पदों पर शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया जारी है। इस भर्ती में ऐसे द्विवर्षीय डीएलएड अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया है, जिनका विवाह उत्तराखंड के बाहर के राज्यों, जैसे उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा में हुआ है। सरकार ने इनकी नियुक्ति पर अब रोक लगा दी है।

Ban on Appointment of Over 70 Selected Women Teacher Candidates

उत्तराखंड में इस समय 2906 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया जारी है, जिसमें विभिन्न द्विवर्षीय डीएलएड अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया है। खास बात यह है कि इनमें से कुछ अभ्यर्थियों का विवाह अन्य राज्यों से हुआ है। शिक्षा निदेशालय ने 27 अगस्त 2024 को सरकार को एक पत्र भेजकर इस विषय पर स्पष्ट दिशा-निर्देश मांगे हैं कि क्या इन अभ्यर्थियों को उत्तराखंड राज्य में आरक्षण का लाभ दिया जा सकता है या नहीं। अधिकारियों का कहना है कि इस मुद्दे पर समाज कल्याण, कार्मिक और न्याय विभाग से सुझाव मांगे गए हैं, ताकि इस मामले में सही दिशा में कदम उठाया जा सके।

अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा

शासन के अधिकारियों ने यह भी बताया कि कार्मिक विभाग के 10 अक्तूबर 2002 के शासनादेश के अनुसार उत्तराखंड राज्य के बाहर के अभ्यर्थियों को अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए निर्धारित आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता है। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग के 29 दिसंबर 2008 के शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया है कि उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत दिए गए संरक्षण केवल सेवा शर्तों तक सीमित हैं। इस तरह मूल राज्य के अतिरिक्त अन्य राज्यों में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा और वे दूसरे राज्यों के लिए एससी, एसटी या अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत भी नहीं माने जाएंगे। इन सभी को आरक्षण की सुविधा केवल उनके पैतृक राज्य में ही प्राप्त होगी।


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