Uttarakhand: BJP के पूर्व विधायक मालचंद पर करोड़ों की जमीन खुर्दबुर्द करने का आरोप, NRI महिला ने की शिकायत
BJP के पूर्व विधायक मालचंद और उत्तरकाशी जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष जसोदा राणा के खिलाफ एक NRI महिला ने अपनी करोड़ों की संपत्ति में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है।
Nov 27 2024 5:00PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
बड़कोट एसडीएम ने पूर्व विधायक मालचंद और जसोदा राणा को नोटिस भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है। जर्मनी में रहने वाली शशि नेस्ले प्रीटोरियस ने गढ़वाल कमिश्नर को अपने शिकायती पत्र में बताया कि उनकी संपत्ति को बिना अनुमति के खुर्दबुर्द किया गया है।
Former BJP MLA Malchand Accused of Land Fraud
एनआरआई महिला शशि नेस्ले प्रीटोरियस ने उत्तरकाशी के वजरी गांव में अपनी करोड़ों की जमीन को लेकर बीजेपी के पूर्व विधायक मालचंद और जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष जसोदा राणा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एनआरआई महिला का वसंत विहार में पैतृक घर है उन्होंने बताया कि वर्ष 2008 में उन्होंने अपने भाई लेफ्टिनेंट कर्नल विजय सिंह थापा (रिटायर्ड) के माध्यम से 125 नाली भूमि खरीदी थी। चूंकि वह एनआरआई थीं इसलिए पूरी जमीन उनके नाम पर नहीं हो सकती थी, जिससे उन्होंने मालचंद और जसोदा राणा को सह खातेदार बनाया था। लेकिन उनका आरोप है कि इन दोनों ने उनके नाम का फर्जी सहमति पत्र बनाकर जमीन को अपने परिवार के नाम कर दिया।
पूर्व विधायक मालचंद ने आरोपों को नकारा
इस मामले पर पूर्व विधायक मालचंद ने अपनी सफाई दी है, जिसमें उन्होंने आरोपों को नकारते हुए कहा कि उन्होंने कोई भी जमीन खुर्दबुर्द नहीं की है। उनका कहना था कि महिला के नाम पर जितनी जमीन थी, वह अभी भी उसी स्थान पर मौजूद है। उन्होंने यह भी दावा किया कि जिस जमीन पर महिला का दावा है, उसका कोई दस्तावेज नहीं दिखाया गया है। मालचंद ने महिला को अपनी बहन के समान बताया, लेकिन आरोपों को पूरी तरह से असत्य करार दिया।
SDM ने पूर्व विधायक और जसोदा राणा को भेजा नोटिस
एनआरआई महिला के आरोपों के बाद बड़कोट के एसडीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्व विधायक मालचंद और जसोदा राणा को नोटिस जारी किया है। उन्हें 28 नवंबर तक सभी संबंधित अभिलेखों के साथ कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया गया है। इस मामले में महिला का दावा है कि उन्होंने और उनके भाई ने यह जमीन अस्पताल खोलने के उद्देश्य से खरीदी थी, और जमीन के खरीदी के समय आसपास के कई गांवों के परिवारों से भूमि ली गई थी।