image: 2 Teachers with Fake Degrees Sentenced 5 Years Imprisonment

रुद्रप्रयाग: फर्जी डिग्री पर कर रहे थे सरकारी नौकरी, 2 शिक्षकों को 5-5 साल की सजा

कोर्ट ने फर्जी डिग्री के सहारे शिक्षक बने दो दोषियों को पांच साल की सजा दी। SIT और विभागीय जांच की पुष्टि के बाद यह कार्रवाई हुई।
Dec 2 2024 6:37PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

फर्जी डिग्री के जरिए नौकरी पाने वाले दो शिक्षकों को तुरंत निलंबित कर दिया गया। धोखाधड़ी के मामले में दोषी पाए जाने पर उन्हें 5-5 साल की सख्त कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।

2 Teachers with Fake Degrees Sentenced 5 Years Imprisonment

जनपद रुद्रप्रयाग में तैनात दो शिक्षक, वीरेंद्र सिंह (पुत्र जीत सिंह) और रघुवीर सिंह बुटोला (पुत्र भगत सिंह), ने बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक की नौकरी प्राप्त की। शिक्षा विभाग की एसआईटी और विभागीय जांच के अनुसार, दोनों ने अलग-अलग वर्षों में अपनी फर्जी बीएड डिग्री से नौकरी हासिल की। इस संदर्भ में दोनों शिक्षकों की डिग्री का वेरिफिकेशन कराया गया, जिसमें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से रिपोर्ट प्राप्त हुई कि उनके लिए कोई भी बीएड डिग्री जारी नहीं की गई थी।

धारा 420 के तहत दोनों को 5 साल का कठोर कारावास

एसआईटी की जांच के बाद शासन ने दोनों शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज कराया और उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी ने दोनों आरोपियों को फर्जी डिग्री के आधार पर धोखाधड़ी से नौकरी प्राप्त करने का दोषी ठहराया। उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा-420 के तहत 5-5 साल की कठोर कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई। साथ ही, यदि वे जुर्माना अदा नहीं करेंगे, तो उन्हें तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोषी शिक्षक वीरेंद्र सिंह और रघुवीर सिंह बुटोला को ज्यूडिशियल कस्टडी में लेकर जिला कारागार पुरसाड़ी, चमोली भेज दिया गया है।


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