image: 38th National Games Hot swimming pools and thrill of water sports

38वें राष्ट्रीय खेल: गर्म कुंडों में दम दिखाएंगे तैराक, कयाकिंग-कैनोइंग-रोइंग का शुरू होगा रोमांच

38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से उत्तराखंड को भी खेलों के नए केंद्र के रूप में स्थापित होने का अवसर मिला है। जो स्तरीय सुविधाएँ बढ़ रही हैं, वो आगे भी खिलाडियों के काम आने वाली हैं..
Dec 6 2024 3:12PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

38वें राष्ट्रीय खेल: गर्म कुंडों में दम दिखाएंगे तैराक, कयाकिंग-कैनोइंग-रोइंग का शुरू होगा रोमांच.. जानिये खास बातेंउत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों के तैयारी जोरो शोरों पर है। 38वें राष्ट्रीय खेल 28 जनवरी से 14 फरवरी तक आयोजित किए जाएंगे। इन खेलों का आयोजन जनवरी-फरवरी में कड़ाके की ठंड के बीच होने जा रहा है। जिस कारण स्विमिंग जैसी प्रतियोगिताओं के लिए गर्म पानी की ऑटोमैटिक मशीनें लगाई जाएंगी।

38th National Games: Hot swimming pools and thrill of water sports

38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से उत्तराखंड को भी खेलों के नए केंद्र के रूप में स्थापित होने का अवसर मिला है। जो स्तरीय सुविधाएँ बढ़ रही हैं, वो आगे भी खिलाडियों के काम आने वाली हैं इस आयोजन से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का बड़ा मंच मिलेगा। उत्तराखंड सरकार ने खेलों के दौरान खिलाड़ियों की सुरक्षा और बेहतरीन अनुभव सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं।

लगेंगे 16 ऑटोमैटिक हॉट वाटर पंप

खेल निदेशालय द्वारा हल्द्वानी के गौलापार स्टेडियम में स्विमिंग पुलों का पानी गर्म रखने के लिए 16 ऑटोमैटिक हॉट वाटर पंप का इंतजाम किया गया है। वहीं टिहरी झील और शिवपुरी में वॉटर गेम्स के लिए विशेष सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षित बचाव दल तैनात रहेंगे। 38वें नेशनल गेम्स में होने वाली कयाकिंग, कैनोइंग और रोइंग प्रतियोगिताएं टिहरी झील में आयोजित की जाएंगी। इन खेलों के लिए टिहरी झील में अलग-अलग लेन तैयार की जाएंगी। कैनोइंग का एक भाग सलालम शिवपुरी में और राफ्टिंग का आयोजन टनकपुर में किया जाएगा।

शीतलहर से जूझेंगे खिलाड़ी

उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन ने वाटर स्पोर्ट्स के लिए यूरोप के ठंडे मौसम को पैमाना मानकर खेल की तैयारियां की हैं। टिहरी में खेलों के दौरान तापमान 20 से 26 डिग्री के बीच रहेगा, जो खिलाड़ियों के अनुकूल है. हालांकि, यूरोप में इससे भी अधिक ठंड में अभ्यास करने वाले खिलाड़ी उत्तराखंड की ठंड को आसानी से झेल सकते हैं। फिर भी खिलाड़ियों को शीतलहर से जूझकर मेडल जीतना होगा। भारतीय खिलाड़ी भी अब टिहरी में राफ्टिंग, रोइंग और कैनोइंग जैसे खेलों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए यूरोपीय मानकों के करीब पहुंच रहे हैं।


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