image: Deepak Bisht of Ranikhet became an officer in the army

रानीखेत के दीपक बिष्ट बने सेना में अधिकारी, 11 बार फेल होने के बाद भी पूरा किया पिता का सपना

दीपक ने सेवा में तैयारी के दौरान गरीब बच्चों को ट्यूशन पढ़ने का काम भी किया। अब बेटे को भारतीय सेना की वर्दी में देखकर पिता राजेंद्र सिंह बिष्ट और माता गीत देवी बेस्ट बेहद खुश हैं।
Dec 14 2024 7:34PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

इस बार देहरादून में हुई भारतीय सैन्य अकादमी की पीओपी में भारत और देश-विदेश की सेनाओं को 456 नए सैन्य अधिकारी मिले हैं। हर साल की तरह इस बार भी पहाड़ के कई युवाओं ने सेवा में शामिल होने का अपना सपना पूरा किया है। इनमें से ही एक हैं बग्वाली पोखर रानीखेत के दीपक सिंह बिष्ट।

Deepak Bisht of Ranikhet became an officer in the army

अल्मोड़ा जिले में एक सुंदर कस्बा है.. बग्वाली पोखर। रानीखेत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छोटे से गांव के रहने वाले हैं दीपक सिंह बिष्ट। दीपक का परिवार उनकी प्रारंभिक शिक्षा के बाद दिल्ली चला गया। दिल्ली में पिता ने दीपक की सेना की तैयारी के दौरान संघर्ष किया, उन्होंने ढाबा चलाकर परिवार का पालन पोषण किया। दीपक के पिता बताते हैं कि दीपक ने सेना की तैयारी के दौरान गरीब बच्चों को NGO के माध्यम से ट्यूशन पढ़ने का काम भी किया। अब बेटे को भारतीय सेना की वर्दी में देखकर पिता राजेंद्र सिंह बिष्ट और माता गीता देवी बिष्ट बेहद खुश हैं। POP सेरेमनी के बाद जब दीपक अपने मां-बाप से मिले तो उन्होंने बेटे को गले लगा लिया।

11 बार असफल हुए पर नहीं मानी हार

दीपक की दादी स्व. लछिमा देवी गांव में दाई थीं, दीपक ने भी सेवा भावना को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया। दीपक सिंह बिष्ट ने 11 बार सीडीएस में असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी। 12वीं बार में सीडीएस क्लियर किया और उसके बाद अब सेवा में अधिकारी बनकर अपने परिवार और पूरे क्षेत्र का नाम रोशन कर दिया। दीपक का चयन तीनों सेनाओं के लिए हुआ था लेकिन उन्होंने भारतीय थल सेना को चुना।


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