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खुलासा: उत्तराखंड को फिर निशाना बना सकता है चीन, अब पहाड़ बनेंगे जंग का मैदान !

Aug 17 2017 5:31PM, Writer:सुमित

डोकलाम को लेकर पिछले दो महीनों से भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। लेकिन अब बताया जा रहा है कि चीन पाकिस्तान की तरह काम करने जा रहा है । इससे भारतीय सेना को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। भारतीय रक्षा एंजेंसियों को कुछ बड़े इनपुट्स मिले हैं। इन इनपुट्स के मुताबिक अब चीन की नजर एक्चुएल लाइन ऑफ कंट्रोल पर है। यहां चीन की तरफ से घुसपैठ और उकसाने वाली हरकतों में बढ़ोतरी हो सकती है। इस वक्त दोनों देशों के बीच डोकलाम को लेकर तनाव जारी है और ऐसे में ये खबर होश उड़ाने वाली है। आपको याद होगा कि इससे पहले दोनों देशों के बीच तनाव को खत्म करने के लिए पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर्सनल मीटिंग हुई। इससे ठीक एक दिन पहले लद्दाख में ही पैन्गॉन्ग झील के करीब भारत और चीन के सैनिकों के बीच पथराव हुआ था। इसके बाद से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने चीन की नई चाल का खुलासा किया है।

सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ध्यान भटकाने के लिए डोकलाम पर तो तनाव जारी रहेगा लेकिन चीन अब भारत के कुछ और इलाकों से घुसपैठ की कोशिश कर सकता है। डोकलाम पर चीन इसलिए कुछ नहीं कर पा रहा है क्योंकि चीन से बेहतर पोजीशन में भारतीय सेना है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन की तरफ से घुसपैठ की हरकत पूर्वी लद्दाख में हो सकती है। इसके साथ ही पूर्वी अरुणाचल प्रदेश, लिपूलेख दर्रा या फिर उत्तराखंड के बाराहोती में फिर से चीन की घुसपैठ की कोशिशें हो सकती हैं। उत्तराखंड इसलिए चीन की नजर में है क्योंकि इससे पहले भी यहां चीन की सेना द्वारा चहलकदमी देखी गई है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि डोकलाम में चीन जंग छेड़ने का खतरा मोल नहीं लेगा लेकिन उत्तराखंड समेत कुछ इलाकों से वो घुसपैठ की कोशिश करेगा। इसके संकेत भी मिल रहे हैं।

दरअसल चीन ने तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के दक्षिणी इलाकों में सैन्य टुकड़ियों में बढ़ोतरी कर दी है। इसके साथ ही तोपखानों और बख्तरबंद गाड़ियों की भी संख्या बढ़ाई गई है। ये इलाका पीएलए के वेस्टर्न थिएटर कमांड के अंडर में आता है। आपका ये भी जानना जरूरी है कि इस क्षेत्र में चीन की गतिविधि डोकलाम में शुरू हुए टकराव से पहले से ही बढ़ी है। बताया जा रहा है कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी इस वक्त कुछ और ही प्लान तैयार कर रही है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि चीन की तरफ से ये दबाव एक खास रणनीति के तहत बनाया जा रहा है। चीन चाहता है कि भारत नवंबर में जाड़ों से पहले डोकलाम से अपनी सेनाएं पीछे बुला ले। लकिन शायद चीन भारत की सेना और सुरक्षा तंत्र को कमजोर आंक रहा है। अब अगर चीन पाकिस्तान जैसी घुसपैठ वाली हरकत पर उतरता है तो घुसपैठियों का अंजाम क्या होता है, वो अच्छी तरह से जानता भी है।


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