image: Fake teacher dismissed from service in Sitarganj

उत्तराखंड: 15 वर्षों से पढ़ा रहे गुरुजी सेवा से बर्खास्त, फर्जी B.ed पर कर रहे थे सरकारी नौकरी

विश्वविद्यालय प्रशासन गोरखपुर से प्रमाण पत्र पुष्टि कराई गई, तो स्पष्ट हुआ कि संबंधित प्रमाणपत्र का अनुक्रमांक वर्ष 2005 में किसी भी छात्र को आवंटित नहीं किया गया था। विश्वविद्यालय प्रशासन गोरखपुर ने प्रमाण पत्र को फर्जी घोषित किया.
Jan 28 2025 12:29PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

सितारगंज के एक प्राथमिक विधालय में पिछले 15 वर्षों से कार्यरत सहायक अध्यापक को सेवा से बर्खास्त किया गया है. शिक्षक फर्जी शैक्षिक अभिलेखों के आधार पर नौकरी कर रहा था। विभागीय जांच में शिक्षक के बीएड प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है।

Fake teacher dismissed from service in Sitarganj

जानकारी के अनुसार, राजकीय प्राथमिक विद्यालय पंडरी सितारगंज में कार्यरत सहायक अध्यापक रामशब्द को वर्ष 2009 में नियुक्ति मिली थी। आरोपी रामशब्द की नियुक्ति पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के 2005 के बीएड प्रमाणपत्र के आधार की गई थी। अभिलेखों के सत्यापन के दौरान विभाग को आरोपी शिक्षक को 2009 में प्राप्त बीएड नियुक्ति प्रमाणपत्र पर संदेह उत्पन्न हुआ। जिसके कारण आरोपी के प्रमाणपत्रों की लंबे समय से जांच चल रही थी।

शिक्षक रामशब्द सेवा से बर्खास्त

शिक्षा विभाग द्वारा जब विश्वविद्यालय प्रशासन गोरखपुर से प्रमाण पत्र पुष्टि कराई गई, तो यह स्पष्ट हुआ कि संबंधित प्रमाणपत्र का अनुक्रमांक वर्ष 2005 में किसी भी छात्र को आवंटित नहीं किया गया था। विश्वविद्यालय प्रशासन गोरखपुर ने प्रमाण पत्र को फर्जी घोषित किया. इसके बाद शिक्षा विभाग ने सहायक अध्यापक को नोटिस भेजा और कई बार उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर दिया, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके। जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षा अधिकारी सितारगंज को उक्त आरोपी शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए निर्देश दिए। विभिन्न स्तर पर हुई जांच में शिक्षक की बीएड की डिग्री फर्जी पाई गई। इसके बाद बीते सोमवार को उसे डीईओ हरेंद्र कुमार मिश्र ने सहायक अध्यापक रामशब्द को सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लिया।


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