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उत्तराखंड: दुकानों के फर्जी आधार बनाकर करते थे धोखाधड़ी, साइबर ठगों का गिरोह गिरफ्तार

फर्जी आधार कार्ड बनाकर, बाजार की दुकानों की तस्वीरें लेकर उद्यम विभाग में झूठा रजिस्ट्रेशन कराते हैं। इन फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर विभिन्न बैंकों में खाते खोलकर, ATM और चेकबुक जैसे दस्तावेज, गैंग के सदस्य चार्ली को भेजते हैं।
Jan 30 2025 6:46PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

हल्द्वानी में साइबर ठगी के खिलाफ पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने छापेमारी कर साइबर अपराधियों के एक कुख्यात गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस दौरान गिरोह के पुलिस टीम द्वारा मास्टर माइंड समेत छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया और उनसे भारी मात्रा में जाली दस्तावेज और अन्य सामग्री बरामद की गई है।

Gang of cyber thugs arrested in Haldwani

एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि 29 जनवरी को एसओजी प्रभारी संजीत राठौर को सूचना मिली कि कुछ लोग बाहरी राज्यों से हल्द्वानी आकर फर्जी आधार कार्ड बना रहे हैं और बैंक खातों में धोखाधड़ी के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर SSP प्रहलाद नारायण मीणा ने SP प्रकाश चन्द्र और CO नितिन को एक टीम गठित करने का निर्देश दिया। इस टीम का नेतृत्व SOG प्रभारी संजीत राठौड़ और थानाध्यक्ष मुखानी विजय मेहता ने किया। मुखानी पुलिस और एसओजी के सहयोग से गठित टीम ने 29/30 जनवरी 2025 की रात को तारा कंपलेक्स के मालिक वीरेंद्र मेहरा, जो गोविंद सिंह मेहरा के पुत्र हैं, के कमरे में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान पुलिस टीम ने कमरे में 6 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।

दुकानों के फर्जी दस्तावेज

पुलिस टीम ने सभी संदिग्धों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि वे फर्जी आधार कार्ड बनाकर, बाजार की दुकानों की तस्वीरें खींचते हैं और उद्यम विभाग में झूठा रजिस्ट्रेशन कराते हैं। इसके बाद, इन फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर विभिन्न बैंकों में खाते खोलकर, एटीएम और चेकबुक जैसे दस्तावेज अपने गैंग के सदस्य चार्ली उर्फ के.के. को भेजते हैं। प्रत्येक करंट खाता खोलने पर व्यक्ति को 25000 रुपये की नगद राशि प्राप्त होती है, और इसके बाद लेन-देन पर 10 से 15 प्रतिशत की अतिरिक्त राशि भी मिलती रहती है।

मास्टर माइंड चार्ली अभी भी फरार

Gang of cyber thugs arrested in Haldwani
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गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मुख्य साजिशकर्ता राघवेंद्र प्रताप सिंह (उर्फ रघु), लकी, रॉकी, दीपक, रोहन, और आकाश सिंह शामिल हैं। पुलिस टीम को इनके पास से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, मोबाइल सिम कार्ड और बैंक खाता खोलने के फॉर्म जैसे कई महत्वपूर्ण साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई आरंभ कर दी है। पुलिस टीम द्वारा इस गिरोह के फर्जी आधार कार्ड और उद्यम विभाग के नकली सर्टिफिकेट बनाने वाले व्हाट्सएप यूजर एस्कैम और मास्टर माइंड चार्ली (उर्फ के0के0) की तलाश कर रही है। इनके मकान मालिक ने आरोपियों का सत्यापन न कराने पर नियमानुसार 10,000 रुपये का चालान दिया है, और पुलिस ने उनको भविष्य के लिए चेतावनी दी है। SSP नैनीताल ने पुलिस टीम के इस कार्य के लिए 2500 रुपये के पुरस्कार की घोषणा की है।


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