उत्तराखंड: सेब घोटाले में करोड़ों की हेराफेरी, अब होगी SIT जांच.. सरकार ने दिए निर्देश
विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने घोटाले की जांच को SIT को सौंपने का निर्णय लिया है, जिससे आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा सेब के क्रय-विक्रय में व्यापक धांधली करने वाले लोगों को नहीं छोड़ा जाएगा।
Jan 31 2025 2:44PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
नौगांव सेब सहकारी समिति में हुए सेब घोटाले के मामले में राज्य सरकार ने गंभीरता दिखाई है। मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस मामले की जांच के लिए SIT को नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। कुछ समय पहले नौगांव सेब सहकारी समिति में सेब के क्रय-विक्रय में अनियमितताओं की शिकायतें आई थीं। इस पर विभागीय जांच की गई, जिसमें प्रारंभिक रूप से करोड़ों की हेराफेरी का खुलासा हुआ है।
SIT investigation in Crores of Apple fraud in Uttarakhand
उत्तरकाशी में सेब काश्तकारों को प्रोत्साहित करने के लिए एनसीडीसी प्रोजेक्ट के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2021-22 में अनामृत फार्म एज ऑनर्स कंपनी के साथ एक संयुक्त उद्यम स्थापित किया गया था। इस पहल का उद्देश्य सेब काश्तकारों से सेब खरीदकर उन्हें बाजार में बेचना था। सेब की बिक्री FFTH के माध्यम से की गई, लेकिन समिति को बेचे गए सेबों के बिल और बैंक खातों विवरण विभाग को उपलब्ध नहीं कराया गया। समिति के संचालक मंडल ने निबंधक सहकारी समितियां उत्तराखंड और परियोजना निदेशक राज्य सहकारी विकास परियोजना को इस मामले में एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की। इसके बाद विभागीय जांच की गई, जिसमें सेब के खरीद-फरोख्त में व्यापक अनियमितताएं पाई गईं। इस पूरे मामले की गहनता से जांच के लिए विभागीय जांच समिति ने उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की।
घोटाले में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जाएगा
जिसके बाद विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने घोटाले की जांच को एसआईटी को सौंपने का निर्णय लिया है, जिससे आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके। उन्होंने बताया कि विभागीय जांच में सेब के क्रय-विक्रय में व्यापक धांधली का पता चला है, जिसके आधार पर यह कदम उठाया गया है। डॉ. रावत ने स्पष्ट किया कि सेब के घोटाले में शामिल व्यक्तियों को किसी भी स्थिति में नहीं छोड़ा जाएगा और एसआईटी की रिपोर्ट के बाद उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने एनसीडीसी के माध्यम से लगभग चार करोड़ रुपये का बजट पायलट प्रोजेक्ट के लिए आवंटित किया था, जिसका उद्देश्य सेब के किसानों को प्रोत्साहित करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था।