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उत्तराखंड: मुठभेड़ के बाद इनामी बदमाश गिरफ्तार, रामलीला में जेल की दीवार फांद हुआ था फरार

रामलीला मंचन के दौरान वानर सेना के सदस्य के रूप में हो गया था फरार, गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपए का ईनाम रखा गया था। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद घायल अवस्था में एक शातिर बदमाश को गिरफ्तार कर लिया है।
Feb 1 2025 8:16PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस ने मुठभेड़ के बाद घायल अवस्था में एक शातिर बदमाश को गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि विगत वर्ष दशहरे के अवसर पर जिला कारागार हरिद्वार में निरुद्ध आरोपी पंकज और रामकुमार द्वारा जिला कारागार हरिद्वार की दीवार को फांदकर फरार हो गए थे। इसमें एक आरोपी रामकुमार को हरिद्वार पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। दूसरे बदमाश पंकज की तब से तलाश की जा रही थी। उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपए का ईनाम रखा गया था।

Escaped during Ramlila caught in police encounter

फरार कैदी पंकज के साथ एसटीएफ ओर हरिद्वार पुलिस के बीच देर रात मुठभेड़ हो गई। खुद को घिरता देख बदमाश ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी कार्रवाई की। इस दौरान पुलिस की गोली बदमाश के पैर में लगी, जिससे वह घायल हो गया। घायल बदमाश को गिरफ्तार कर तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। मामले में आगे और जानकारी देते हुए भुल्लर ने बताया कि बीते वर्ष 11 अक्टूबर की रात दशहरे से पहले हरिद्वार जिला जेल में रामलीला का मंचन हो रहा था।

वानर सेना में शामिल होकर फांदी थी दीवार

इस दौरान कैदी पंकज और कैदी रामकुमार को वानर सेना का किरदार निभाने का मौका मिला, लेकिन दोनों इस अवसर का फायदा उठाकर जेल की दीवार फांदकर फरार हो गए। रामलीला मंचन के बाद जब कैदियों की गिनती हुई, तब जेल प्रशासन को इस फरारी की जानकारी हो पाई। इसके बाद हरिद्वार पुलिस के साथ-साथ ही उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा भी इन आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।

धरे गए दोनों कैदी

पंकज के साथ फरार कैदी रामकुमार को हरियाणा के यमुनानगर से पहले ही गिरफ्तार कर चुका है। अब इस मुठभेड़ में दूसरा फरार कैदी पंकज भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया। अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि फरार कैदी इतने महीनों तक कहां छिपा रहा और उसे किन लोगों से मदद मिल रही थी। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस फरारी के पीछे किसी बड़े अपराधी गिरोह का हाथ था। आरोपी पंकज को पूर्व में भी उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया गया था अब जेल से फरार होने के बाद पंकज कोई भी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर रहा था।


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