चीन की हरकत से भारत में जलप्रलय, ऐसे ले रहा है डोकलाम का बदला ?
Aug 19 2017 2:20PM, Writer:कपिल
भारत के कई इलाकों में इस वक्त जलप्रलय जैसे हालात बने हैं । हर जगह बाढ़ से तबाही मची हुई है। इस बीच खास बात ये है कि चीन ने अब तक भारत से ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदी से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। आखिर इस बार वजह क्या हो सकती है ? सबसे पहली वजह है डोकलाम का मुद्दा, चलिए वो मान लेते हैं कि डोकलाम के मुद्दे की वजह से चीन से डेटा इस बार भारत से साझा नहीं कर रहा है। लेकिन पहले डोकलाम और फिर भारत में आई बाढ़ क्या संकेत जाहिर कर रही है। दरअसल इससे पहले एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि चीन ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदियों का पानी रोककर भारत के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है। इसके बाद ये भी खबर सामने आई थी कि चीन इस पानी को जब छोड़ेगा तो भारत के कई राज्यों में हाहाकार मच जाएगा। तो क्या चीन अब ये ही खेल खेल रहा है ? आपको यहां खास बात ये भी बता दें कि भारत और चीन के बीच साल 2006 में एक संधि हुई थी।
इस संधि के मुताबिक नदियों से जुड़ी तमाम जानकारियां साझा की जानी थी। इस संधि के मुताबिक चीन को हर साल मॉनसून के दौरान ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदियों का हाइड्रोलॉजिकल डेटा भारत को देना होता है। इस साल चीन ने इस संधि का उल्लंघन किया है और अब तक भारत से ये डेटा साझा नहीं किया है। इससे पहले जो रिपोर्ट सामने आई थी, वो देश के तमाम मीडिया चैनल्स में भी चली थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अब पानी के जरिए भारत पर हमला कर सकता है। दरअसल सतलुज और ब्रह्मपुत्र नदियां चीन से होकर भारत आती हैं। इन नदियों में चीन ने कई बांध बनाकर रखे हैं। एक्सपर्ट्स ने पहले ही आशंका जताई थी कि चीन इन नदियों का पानी रोकेगा और फिर एक साथ इस पानी को छोड़ेगा तो तबाही मच सकती है। इस साल इस संधि का उल्लंघन करते हुए चीन ने दोनों नदियों में पानी की उपलब्धता का कोई भी आंकड़ा नहीं दिया है।
16 जून से डोकलाम में गतिरोध जारी है। ऐसे में संभव है कि चीन इस तनाव की वजह से ये आंकड़े साझा नहीं कर रहा है। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने दोनों मामलों को जोड़ने से इनकार किया। लेकिन एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि चीन इस तरह से लगातार चालाकी कर रहा है और भारत में जलप्रलय की तैयारी कर रहा है। डोकलाम में चीन भारत के आक्रमण का कोई भी जवाब नहीं दे सकता क्योंकि भारतीय सेना चीन की सेना से बेहतर पोजीशन में है। ऐसे में कही भारत में तबाही मचाने के लिए चीन ने इस बार दूसरी ही चाल तो नहीं चली ? अगर ऐसा नहीं है तो चीन आखिर क्यों नदियों का हाइड्रोलॉजिल डाटा भारत को नहीं सौंप रहा है। इन सब बातों का जवाब तभी मिल सकता है, जब चीन की तरफ से भारत को ये डाटा दिया जाए। अब देखना है कि आगे आने वाले वक्त में क्या चीन इसका कोई जवाब भी दे पाएगा या नहीं ?