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Uttarakhand News: 11 साल से व्हीलचेयर पर बैठ दिखा रही योग की राह, पूजा आर्या 4 विषयों में कर चुकी हैं JRF क्रैक

कुछ वर्ष पहले एक सड़क दुर्घटना ने पूजा के जीवन को पूरी तरह बदल दिया। रीढ़ की हड्डी में चोट और सिर पर गहरे घाव के कारण उन्हें स्थायी रूप से व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा।
Mar 1 2025 6:10PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

मन में दृढ़ संकल्प हो और मंजिल को पाने की हिम्मत तो कोई भी मुश्किल आड़े नहीं आती। पतंजलि विश्वविद्यालय की शोधार्थी पूजा आर्या ने इस बात को साबित कर दिखाया है। अपने कठिन परिश्रम से उन्होंने दर्शनशास्त्र विषय से यूजीसी नेट-जेआरएफ परीक्षा में पहले प्रयास में ही सफलता हासिल की। इससे पूर्व, वह मनोविज्ञान, समाजशास्त्र और योग में भी पहले प्रयास में परीक्षा को उत्तीर्ण कर चुकी हैं।

Pooja Arya of Haridwar cracked JRF exam

कुछ वर्ष पहले एक सड़क दुर्घटना ने पूजा के जीवन को पूरी तरह बदल दिया। रीढ़ की हड्डी में चोट और सिर पर गहरे घाव के कारण 11 सालों से उन्हें स्थायी रूप से व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा। जीवन की इस नई चुनौती के सामने घुटने टेकने की बजाय उन्होंने इसे अपनी शक्ति में बदलने का निर्णय लिया। इस कठिन समय में उनके छोटे भाई डॉ. सूर्य प्रकाश ने उनका न केवल संबल बढ़ाया, बल्कि उनके जीवन को एक नई दिशा भी दी। ‘नेट-जेआरएफ विद सूर्या सर’ नामक यूट्यूब चैनल के माध्यम से वह यूजीसी नेट परीक्षा की तैयारी करवा रहे हैं, जिससे हजारों विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं। पूजा को भी उनके इस मार्गदर्शन का भरपूर लाभ मिला। उन्होंने भाई से मिली शिक्षा और प्रेरणा को अपनी ताकत बनाया और हर बार परीक्षा में उच्चतम अंक प्राप्त किए।

पूजा एक प्रख्यात शोधकर्ता भी हैं

पूजा लगातार चार अलग-अलग विषयों में यह प्रतिष्ठित परीक्षा पास कर चुकी हैं। उनकी यह सफलता न केवल दिव्यांगजनों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो अपने भीतर छिपी शक्ति को पहचानकर आगे बढ़ने का साहस रखता है। पूजा एक प्रख्यात शोधकर्ता भी हैं और उनके कई शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय पीयर-रिव्यू जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। उनके शोध कार्य विशेष रूप से स्पाइनल कॉर्ड इंजरी, मानसिक स्वास्थ्य और योग के प्रभाव पर केंद्रित हैं, जो विज्ञान और चिकित्सा जगत में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

योग का महत्व

पूजा आर्या की सफलता केवल उनकी मेहनत का परिणाम नहीं है, बल्कि योग और ध्यान ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका मानना है कि योग केवल शारीरिक स्वास्थ्य का साधन नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम भी है। पूजा आर्या केवल अपनी सफलता तक सीमित नहीं रहना चाहतीं, बल्कि समाज में महिलाओं और लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। वह जी-20 और एस-20 सम्मेलनों में योग और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रस्तुतियां दे चुकी हैं और अभियान एम्पावरमेंट के माध्यम से महिलाओं को शिक्षा, योग और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। पूजा का मानना है कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर बनती हैं तो समाज का हर क्षेत्र विकास करता है। वह विशेष रूप से उन लड़कियों को जागरूक करना चाहती हैं, जो परिस्थितियों से हार मानने के बजाय खुद को सशक्त बनाकर आगे बढ़ने का संकल्प लें। पूजा की कहानी केवल एक शोधकर्ता की सफलता नहीं, बल्कि एक ऐसी प्रेरणादायक यात्रा है, जो हर युवा, हर महिला और हर दिव्यांगजन के लिए एक सबक है।


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