उत्तराखंडी फिल्म ‘खोली का गणेश’ को मिल रहा जबरदस्त प्यार, शुभम सेमवाल की अदाकारी ने मचाई धूम
देहरादून के Mall of Dehradun और Centrio Mall में इसके सभी शोज़ हाउसफुल चल रहे हैं। फिल्म की लोकप्रियता को देखते हुए अब यह 25 अप्रैल से दिल्ली और कोटद्वार के सिनेमाघरों में भी रिलीज़ हो रही है।
Apr 24 2025 10:57AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
जनपद रुद्रप्रयाग के नौगाँव तिमली बड़मा के अभिनेता शुभम सेमवाल को उनकी हालिया फिल्म 'खोली का गणेश' में महेश के किरदार के लिए दर्शकों से अपार प्यार और प्रशंसा मिल रही है। शुभम की सरलता से भरी लेकिन गहराई वाली अदाकारी ने न केवल उत्तराखंड, बल्कि अन्य राज्यों के दर्शकों का भी दिल जीत लिया है।
Uttarakhandi film Kholi ka Ganesh gets tremendous Love
‘खोली का गणेश’ फिल्म पहले 31 जनवरी 2025 को रिलीज़ होने वाली थी, लेकिन तकनीकी कारणों से इसकी रिलीज़ को टालकर 18 अप्रैल 2025 कर दिया गया। रिलीज़ के साथ ही फिल्म ने दर्शकों के बीच ज़बरदस्त पकड़ बना ली है। देहरादून के Mall of Dehradun और Centrio Mall में इसके सभी शोज़ हाउसफुल चल रहे हैं। फिल्म की लोकप्रियता को देखते हुए अब यह 25 अप्रैल से दिल्ली और कोटद्वार के सिनेमाघरों में भी रिलीज़ हो रही है। विख्यात लोकगायक प्रीतम भरतवाण भी 23 अप्रैल को फिल्म देखने पहुंचे और उन्होंने फिल्म की खुलकर तारीफ़ की।
किरदार बयां कर रहे अनछुये सामाजिक पहलू
‘खोली का गणेश’ एक सशक्त उत्तराखंडी फिल्म है जो न केवल एक संवेदनशील सामाजिक मुद्दे को उठाती है, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक, प्राकृतिक और मानवीय सुंदरता को भी सजीव करती है। अविनाश ध्यानी ने फिल्म को लिखा, निर्देशित और निर्मित किया है । इस फिल्म की मुख्य भूमिकाओं में शुभम सेमवाल और सुरुचि सकलानी ने अपने संजीदा अभिनय से गहरी छाप छोड़ी है। विनय जोशी के भावुक गीत और अभिनय ने भी दर्शकों को भावुक कर दिया। फिल्म की स्टारकास्ट में दीपक रावत, रश्मि नौटियाल, राजेश नौगाईं, गोकुल पंवार, श्वेता थपलियाल, सुशील रणकोटी और अरविंद पंवार जैसे अनुभवी कलाकार शामिल हैं जिन्होंने हर दृश्य में सच्चाई और संवेदना दिखाई।
फिल्म के गीतों को काफी पसंद कर रहे दर्शक
फिल्म के छायांकन की ज़िम्मेदारी रमेश सामंत ने बखूबी निभाई है। संगीत अमित वी कपूर का है, जबकि गीतों को अमित खरे और प्रतीक्षा बमरारा की आवाज़ों ने दिल से जोड़ा है। संगीत संयोजन में मेघा ध्यानी, मुदित बौठियाल और अखिल मौर्य का योगदान उल्लेखनीय है। एडिटर धनंजय ध्यानी ने फिल्म को एक सुंदर प्रवाह दिया है, जो दर्शक को हर पल भावनाओं से जोड़े रखता है।
लोकेशन और सौंदर्य
फिल्म की शूटिंग उत्तराखंड के जाखोल, चकराता और माकटी जैसे खूबसूरत स्थलों पर की गई है, जो फिल्म को एक प्राकृतिक और आध्यात्मिक सौंदर्य प्रदान करते हैं। रेज़ा खान (एग्ज़ीक्यूटिव प्रोड्यूसर) और जीत मैला गुरंग (लाइन प्रोड्यूसर) की मेहनत हर फ्रेम में नज़र आती है।
उत्तराखंडी सिनेमा की नई पहचान बन गई है ये फिल्म
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निर्देशक अविनाश ध्यानी कहते हैं, कि “फिल्म बनाना पहला कदम है, असली संघर्ष इसे सही दर्शकों तक पहुँचाने का है। मैं धन्यवाद देता हूँ हमारे वितरकों—विकास जैन और जयवीर सिंह पंगाल—का, जिनके पैन इंडिया सपोर्ट से यह फिल्म वहां तक पहुँची जहाँ इसकी ज़रूरत थी।” ‘खोली का गणेश’ आज केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि उत्तराखंडी सिनेमा की एक नई पहचान बन गई है। यह फिल्म न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि समाज में गहराई से जड़ें जमा चुकी जातिगत भेदभाव जैसी कुरीतियों पर भी तीखा सवाल उठाती है। उत्तराखंडी सिनेमा को बदलने वाली यह फिल्म आज एक आंदोलन बनती जा रही है।