‘बिष्ट’ कौन हैं ? जानिए उत्तराखंड के इन राजपूतों की कहानी, गौरवशाली है ये इतिहास !
Oct 14 2017 4:11PM, Writer:कपिल
उत्तराखंड में आपको यूं तो कई जातियां मिलेंगी। लेकिन इन जातियों में से एक जाति है बिष्ट। राजपूतों की शान, अपनी धरती के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले, अपने मान सम्मान के लिए प्राणों की आहुति तक देने वाले इन राजपूतों की कहानी भी शौर्य से भरी है। कई इतिहासकार कहते हैं कि बिष्ट एक उपनाम रूपी शब्द है। इस उपनाम की उत्पत्ति का आधार अभी तक अज्ञात है। इसके बाद भी कहा जाता है कि हजारों साल पहले हिमालयी क्षेत्र कुछ खण्डों जैसे कुर्मान्चल यानी कुमांऊॅं, केदारखण्ड यानी गढ़वाल और जालन्धर यानी हिमाचल प्रदेश में इस उपनाम रूपी शब्द का इस्तेमाल किया जाता था। ठाकुर, क्षत्रिय यानि राजपूत लोग अपने नाम के साथ इसे लगाते हैं। कुछ इतिहास कार बताते हैं कि बिष्ट शब्द विष्ट से बना है यानी विशिष्ट लोग। अब उत्तराखंड की बात करें तो इतिहास गवाह है कि बिष्ट राजपूतों ने हमेशा शौर्य का परिचय दिया है।
गढ़वाल के 52 गढ़ों में से तीन गढ़ ऐसे हैं, जिन पर बिष्ट राजपूतों का अधिपत्य था। गढ़वाल के कोल्ली गढ़ में बछवाण बिष्ट जाति के लोगों का साम्राज्य था। इसके अलावा गढ़वाल के ही गढ़कोट गढ़ को भी बिष्ट राजपूतो का गढ़ कहा जाता है। गढ़कोट गढ़ मल्ला ढांगू में स्थित है। ये गढ़ बगड़वाल बिष्ट जाति का था। नेगी की तरह बिष्ट जाति के भी अलग अलग स्थानों के कारण भिन्न रूप हैं। इसके अलावा गढ़वाल का एक और गढ़ है संगेलागढ़। कहा जाता है कि यहां संगेला बिष्ट जाति का राज था। ये गढ़ नैल चामी में स्थित था। इसी तरह से कुमाऊं की तरफ बढ़ जाते हैं। गढ़वाल के मुकाबले कुमाऊं में आपको बिष्ट ज्यादा मिलेंगे। इतिहासकार बताते हैं कि यहां ठाकुर, क्षत्रिय यानि राजपूत लोग अपने नाम के साथ इस उपनाम को लगाते थे। ये क्षत्रिय शस्त्र कला में निपुण होते थे।
कालान्तर में अलग अलग राजपूत वंशावलियों ने बिष्ट नाम के उपनाम को अपने साथ जोड़ दिया। जो अभी तक जारी है। अब कई प्रकार के बिष्ट आपको कुमाऊं में मिलेंगे। इनमें हीत बिष्ट, स्यौंतरी बिष्ट, कनौंणियां बिष्ट, बौरा बिष्ट, माहरा बिष्ट, जलाल बिष्ट प्रमुख हैं। कुछ इतिहासकार कहते हैं कि राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से बिष्ट राजपूत अल्मोड़ा आए थे। अपने साहस और शौर्य के दम पर उन्होंने कई गढ़ों पर अपना राज किया था। गढ़वाल में भी बिष्ट एक उपनाम के रूप में प्रयोग किया जाता है। जिसे राजपूत लोग अपने नाम के बाद लगाते हैं। इनमें रमौला बिष्ट और भुलांणी बिष्ट प्रमुख हैं। खास बात ये भी है कि आपको हिमाचल में भी बिष्ट मिलेंगे। आज आप देख सकते हैं कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी बिष्ट जाति से ही है। योगी का पूरा नाम अजय सिंह बिष्ट ही है।