खुशखबरी: कोदा, झंगोरा की डिमांड बढ़ी, पहाड़ियों ने लिखी रोजगार की स्वर्णिम इबारत
Dec 7 2017 7:02PM, Writer:आदिशा
उत्तराखंड के लिए खुशखबरी है। कोदा और झंगोरा एक बार फिर से अस्तित्व में आ रहे हैं। सीमांत जिले उत्तरकाशी में इसका उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। खास बात ये है कि इससे स्थानीय लोग रोजगार के भी नए मौके पैदा कर रहे हैं और युवाओं को भी इससे जोड़ रहे हैं। 3 साल पहले की तुलना में कोदा और झंगोरा का उत्पादन दोगुना हो गया है। इसे और बढ़ाने के लिए कृषि विभाग ने नया टारगेट रखा है। इस तरह से आने वाले वर्ष में कोदा समेत सहित बाकी फसलों के उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होगी। आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड में कोदा, झंगोरा, चौलाई जैसी पारंपरिक फसलों को अच्छा बाजार मिल रहा है। साल 2014-15 में 6 से 7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से कोदा का उत्पादन रहा। साल 2017-18 में ये 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो गया। बाजार में अब इन फसलों का मनमाफिक मूल्य मिल रहा है।
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इस वजह से किसानों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। साल 2014-15 में अकेले उत्तरकाशी जिले में पारंपरिक फसलों का उत्पादन करने वाले काश्तकारों संख्या 8 हजार थी। साल 2017-18 में ये संख्या 15 हजार से ज्यादा हो गई है। खास बात ये है कि सरकार की तरफ से भी कोदा, रामदाना और झंगोरा की फसल पर बोनस दिए जाने की योजना शुरू हो गई है। किसानों का पंजीकरण भी शुरू हो चुका है। सरकारी आंकड़े कहते है कि अब तक 6 हजार किसान इन फसलों को उगाने के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। यहां ये भी जान लीजिए कि झंगोरा की डिमांड देश के बाकी हिस्सों और विदेशों में भी बढ़ती जा रही है। झंगोरा, कोदा, कौंड़ीं और कंडाली ये चार चीजें शरीर को बलवान तो बनाती ही हैं, इसके साथ ही शरीर को स्वस्थ और मजबूत रखने में काफी मददगार भी साबित होती हैं।
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आलम ये है कि विदेशों तक झंगोरा के गुणों के बारे में लोगों को पता चल गया है। झंगोरा को बिलियन डॉलर ग्रास के नाम से भी जाना जाता है। उत्तराखंड के अलावा अमेरिका, चीन, पाकिस्तान में भी इसकी खेती की जाती है। कहा जाता है कि झंगोरा सबसे तेजी से उगने वाली फसल होती है, ये किसी भी मौसम में या यूं कहें कि विपरीत वातावरण में भी उग जाता है। अब आपको बताते हैं कि आखिर कैसे झंगोरा आपके लिए ताकतवर साबित हो सकता है। शुगर के रोगियों के लिए सबसे शानदार और पोषक तत्व झंगोरा से बढ़कर कोई नहीं है। ये शरीर में ग्लूकोज लेवल को मेंटेन रखता है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन, वसा, फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीसियम, जिंक जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। कहते है कि 1970 के दशक में भारत में सबसे ज्यादा झंगोरा उगाया जाता था।