देवभूमि को यूनेस्को का तोहफा, ग्लोबल इनटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेज की लिस्ट में दी जगह
Dec 7 2017 9:07PM, Writer:मीत
उत्तराखंड देवों की भूमि है। यहां देश विदेश से सैलानी घूमने आते हैं और यहीं के होकर रह जाते हैं। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है, जब यूनेस्को की ग्लोबल इनटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेल लिस्ट में उत्तराखंड का नाम शुमार किया गया है। हर उत्तराखंड के लिए इससे बड़ा गर्व का पल क्या होगा ? जी हां हिंदुओं की आस्था से जुड़े सबसे बड़े तीर्थ मेले कुंभ मेले को ग्लोबल इनटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेज लिस्ट में जगह दी गई है। इस बात की जानकारी यूनेस्को ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल के जरिए शेयर की है। इसके अलावा फ्रांस स्थित भारतीय दूतावास के राजदूत विनय क्वात्रा ने भी इस बात की जानकारी दी है। यूनेस्को ने बकायदा ट्वीट कर लिखा है कि "कुंभ मेले को यूनेस्को की इनटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया गया है।" इससे पहले यूनेस्को की इस लिस्ट में योग को शामिल किया गया था।
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योग भी उत्तराखंड के पतंजलि योगपीठ की देन है। भारतीय दूतावास के राजदूत विनय क्वात्रा ने भारत को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि यूनेस्को की लिस्ट में पहले से ही शुमार योग के साथ अब लिस्ट में कुंभ मेला भी शामिल हो गया है। उत्तराखंड के लिए ये एक बड़ी खुशखबरी है। खास बात ये है कि मोदी सरकार ने ही ये पहल शुरू की थी। मोदी सरकार ने यूनेस्को से कहा था कि कुंभ मेले को इस लिस्ट में शामिल किया जाए। इसके जवाब में यूनेस्को ने कहा कि ये एक बेहतरीन बात है और इसे जल्द ही इस लिस्ट में शामिल किया जाएगा। आखिरकार यूनेस्को ने भारत को ये तोहफा दे दिया। साथ ही उत्तराखंड के लिए ये सम्मान और गौरव की बात है। भारत के योग को इससे पहले 2016 में इनटैन्जिबल हेरिटेज के तौर पर यूनेस्को की लिस्ट में शामिल किया गया था।
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महाकुंभ का आयोजन 12 साल में एक बार होता है, जबकि प्रयाग और हरिद्वार में हर 6 साल बाद अर्द्ध कुंभ का आयोजन किया जाता है। जिसमें देशभर से लाखों श्रद्धालु आते हैं। अब हम आपको यूनेस्को की तरफ से किया गया ट्वीट दिखा रहे हैं।