उत्तराखंडियों से सीखिए इंसानियत, दुबई में फंसे लोगों का मददगार बना एक पहाड़ी
Dec 13 2017 9:32AM, Writer:कपिल
अच्छा लगता है जब दिखता है कि मानवता नाम की चीज बची है। अच्छा और ज्यादा लगता है, जब सुनने में आता है कि विदेश में यानी दुबई में एक ऐसा उत्तराखंडी मौजूद है, जो लगातार दूसरों की मदद कर रहा है। जी हां हम बात कर रहे हैं रोशन रतूड़ी की। क्या आप जानते हैं कि रोशन रतूड़ी ने हाल ही में क्या किया है ? दुबई में फंसे दो उत्तराखँडियों के लिए एक बार फिर से रोशन रतूड़ी देवदूत बन गए। जी हां दरअसल उत्तराखंड के रहने वाले दो लोग चैनसिंह और सोहन सिंह दुबई गए थे। एक फर्जी एजेंट के जरिए उन्होंने अपना वीजा करवाया था। दोनों ही विजिट वीजा पर दुबई घूमने गए थे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि वो गलत फंस गए हैं। हालांकि इन दोनों ने दुबई में रोशन रतूड़ी का नाम सुना था। इसलिए रोशन रतूड़ी का फोन नंबर वो साथ में ले गए थे।
यह भी पढें - देवभूमि में फिर जाग उठे न्याय के देवता, 150 साल बाद इस गांव में तैयारियां शुरू
यह भी पढें - सलाम देवभूमि: देश में सबसे ईमानदार हैं उत्तराखंडी, जानिए इस सर्वे के रिजल्ट की खास बातें
इसके बाद जब इन्हें पता चला कि वो फंस गए हैं, तो उन्होंने रोशन को फोन किया। रोशन रतूड़ी ने तुरंत इन दोनों का फोन उठाया और उसके बाद इन दोनों लोगों को लेने के लिए पहुंच गए। बताया जा रहा है कि ये दोनों ही लोग रात भर खुले आसमान के नीच एक मस्जिद के बाहर रुके थे। खुद रोशन रतूड़ी ने इस बारे में जानकारी दी है। रोशन ने लिखा है कि ‘’ये दोनों भारतीय भाई चैनसिह जी व सोहन सिंह जी दोनो ही उतराखंड के रहने वाले है। ऐजेंट को बहुत बड़ी रक़म देकर ये सीधे साधे लोग विजिट वीज़ा पर ग्यारह तारीख़ को शारजहां पहुंचे। इनके एजेंट का आदमी एयरपोर्ट पर लेने आया और बाद मैं दोनों को किसी अनजान जगह पर छोड़कर चला गया। इन दोनों की तकलीफ़ को सुनने वाला कोई नहीं था। ना खाने के लिए पैसे, ना ही रहने के लिए घर, ना पराए देश में कोई अपना। ये दोनों बुरी तरह से फंस गए थे।’’
यह भी पढें - Video: देवभूमि के इस मंदिर को नासा का प्रणाम, रिसर्च में निकली हैरान करने वाली बातें
यह भी पढें - Video: देवभूमि की नारी शक्ति, पद्मश्री से सम्मानित पहली जागर गायिका, दुनिया करती है सलाम
रोशन रतूड़ी ने आगे लिखा ‘’ इन दोनों को पहली रात मस्जिद के बहार खुले आसमान में गुज़ारने पड़ी। दोनों को लगा की अब वो विदेश मैं फंस चुके है। तब भाई चैन सिंह जी मुझसे फोन पर सम्पर्क किया और अपनी तकलीफ मुझे बतायी। मुझसे देखा ना गया और मै तुरन्त उनके पास पहुंच गया, फिर उनको दोपहर का भोजन करवाया और मैं इन दोनों को सकुशल अपने घर ले आया। अब दोनों मेरे साथ बहुत खुश हैं।’’ रोशन ने आगे लिखा है कि इनके परिवार और उतराखंडवासी इनकी बिलकुल चिन्ता करें। जब तक इनकी नौकरी नहीं लग जाती तब तक ये मेरे पास सुरक्षित है।’’ आज के दौर में किसी के पास किसी की मदद करने के लिए 1 मिनट का भी टाइम नहीं है, लेकिन कुछ उत्तराखंडी ऐसे भी हैं, जो मानव सेवा को अपना सबसे बड़ा धर्म मानते हैं। रोशन रतूड़ी जी को इस काम के लिए शुभकामनाएं।