image: Valley bridge broken due to overloading in uttarkashi

Video: ये हैं उत्तराखंड के हाल, दो ट्रकों के बोझ से नदी में समाया पुल, मचा कोहराम

Dec 14 2017 3:57PM, Writer:कपिल

साल 2012 का वक्त था। बड़े सपनों के साथ इस पुल को तैयार किया गया था। गंगोत्री घाटी में बने गांवों को मुख्य मार्ग से जोड़ने का एकमात्र रास्ता था ये पुल। जाहिर है पुल को मजबूती से तैयार किया जाना था। लेकिन नहीं, ये पुल दो ट्रकों का बोझ भी नहीं सह पाया और धड़धड़ता हुआ जमींदोज हो गया। गंगोत्री हाइवे पर उत्तरकाशी से दो किलोमीटर दूर वाहनों की आवाजाही के दौरान असीगंगा के ऊपर बना पुल टूटकर गंगा में समा गया। गनीमत तो ये रही कि उस दौरान वहां बाकी वाहन नहीं थे। लेकिन एक पुल का गिर जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। इस हादसे की वजह से कई गांवों का संपर्क कट गया है। आपदा के दौरान इस पुल को तैयार किया गया था। तमाम निरीक्षण करवाए गए थे। इसके बाद इस पुल पर वाहनों की आवाजाही शुरू की गई थी। ये पुल गंगोरी से आगे भटवाड़ी, हर्षिल, गंगोत्री और अस्सी गंगा को जोड़ता है।

यह भी पढें - उत्तराखंड के लिए बड़ी खबर, गोमुख में भूस्खलन, भागीरथी का रुख बदला
यह भी पढें - उत्तराखंड के 5 जिलों के लिए NDRF की चेतावनी, अगले 24 घंटे जरा संभलकर रहें
इसके साथ ही भारत चीन सीमा की चौकियों तक आवाजाही के लिए ऐसा मजबूत वादों वाला पुल बना था। ये ही वो पुल था जो गंगोत्री घाटी में बने गांवों को मुख्य मार्ग से जोड़ने का काम करता था। हादसे की वजह जानकर आप चौंक जाएंगे। बताया जा रहा है कि दो ओवरलोडेड ट्रक इस पुल के ऊपर से गुजर रहे थे और इसी दौरान ये पुल टूटकर गिर पड़ा। बताया जा रहा है कि ओवरलोडेड वाहनों की आवाजाही पर पहले ही चेतावनी दी गई थी, लेकिन इस बात का कभी ध्यान नहीं दिया गया। डीएम ने अब इस घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं। इसमें PWD के अलावा अन्य विभाग के लोग भी शामिल होंगे। अब बताया जा रहा है कि नदी के ऊपर ही एक अस्थाई सड़क तैयार की जाएगी और फिर आवाजाही की जाएगी। एक सवाल ये भी है कि आखिर इस पुल को 2012 से अस्थायी ही क्यों बनाया गया ?

यह भी पढें - उत्तराखंड पुलिस बनी ‘जीवन रक्षक’, मौत के मुंह से बचाई 28 जिंदगियां, मिली दुआएं
यह भी पढें - उत्तराखंड में बड़े भूस्खलन की खबर, प्रशासन में हड़कंप, इन जिलों में अलर्ट
साल 2008 में गंगोरी में ही बीआरओ द्वारा एक RCC पुल तैयार किया गया था। उद्घाटन से पहले ही वो पुल ध्वस्त हो गया था। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चौहान को जैसे ही इसकी खबर लगी, उन्होंने जांच के आदेश दे दिए। चारों तरफ से तुरंत एक आपात बैठक की गई। ये फैसला किया गया कि शाम तक ही किसी अस्थायी पुल की व्यवस्था की जाएगी, जिससे लोगों की आवाजाही फिर से शुरू हो सके। डीएम आशीष चौहान की मानें तो इस पूरे मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड के कई इलाके ऐसे हैं, जहां पुल टूटने की खबरें आती रहती हैं। सवाल ये भी उठता है कि आखिर पहाड़ों पर बनाए जा रहे पुलों को बनाने के लिए कैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है ? याद रखिए अगर इसी तरह के पुल बनते रहे तो सीमाओं के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है।


  • MORE UTTARAKHAND NEWS

View More Latest Uttarakhand News
  • TRENDING IN UTTARAKHAND

View More Trending News
  • More News...

News Home