पहाड़ में चमत्कार: जो सर्जरी देश के बड़े डॉक्टर नहीं कर सके वो उत्तरकाशी के डॉक्टर ने कर दिखाई
Jan 17 2018 11:42AM, Writer:कपिल
आप लोग क्या सोचते हैं, पहाड़ों में अच्छे डॉक्टर्स नहीं हैं ? पहाड़ों में अच्छे डॉक्टर्स मौजूद हैं, लेकिन लोगों को उन पर भरोसा नहीं होता। फर्क हमारी सोच का है। माना कि पहाड़ों में सुविधाओं का टोटा है लेकिन पहाड़ के डॉक्टरों में टैलेंट का टोटा नहीं है। वो ही MBBS की पढ़ाई शहर के डॉक्टर ने की है और वो ही MBBS की पढ़ाई पहाड़ के डॉक्टर ने की है, तो फर्क क्या है ? फर्क भरोसे का भी है। कई लोगों को लगता है कि शहरों में ही सबसे टैलेंटेड डॉक्टर्स होते हैं, वैसे बुरा ना मानिए, बाद में ये भी पता चलता है कि जिस शहर के डॉक्टर के पास आंख का ऑपरेशन कराने गए थे, वो किडनी चुरा ले गया। कैसे तो आपको पता ही होगा। खैर हम पहाड़ों के डॉक्टर्स की बात कर रहे हैं। उत्तरकाशी के एक डॉक्टर ने वो कर दिखाया है, जो बड़े बड़े शहरों के दिग्गज डॉक्टर्स नहीं कर पाए थे।
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उत्तरकाशी के सरकारी अस्पताल में एक ऐसी सर्जरी हुई है, जिसकी किसी को उम्मीद ना थी। दरअसल जिला अस्पताल में सालंग गांव की एक महिला दर्द से तड़प रही थी। वो देहरादून और ना जाने किस किस शहर के बड़े बड़े डॉक्टर्स के पास इलाज के लिए पहुंची थी। कहीं भी उसका सफल इलाज नहीं हो पाया । इसके बाद उत्तरकाशी जिला अस्पताल में वो खुद को दिखाने आई। उसे उम्मीद बेहद कम थी। दिमाग में ये ही ता कि कहां शहरों के डॉक्टर और कहां उत्तरकाशी के सरकारी अस्पताल का एक सर्जन। लेकिन नहीं उत्तरकाशी के जिला अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डा. अश्वनी कुमार चौबे ने महिला को भरोसा दिलाया। महिला के पेट से ढाई किलो का ट्यूमर निकाला गया। डाक्टर की ओर से बताया गया कि महिला के पेट दर्द की वजह ये ढाई किलो का ट्यूमर था।
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इसके बाद डाक्टर चौबे और उनकी टीम की तरफ से महिला पेट से ढाई किलो का टयूमर निकाला गया और सफल आपरेशन किया गया है। महिला अब पूरी तरह से स्वस्थ है। आपरेशन के दौरान डाक्टर चौबे का साथ डा.संजीव कटारिया, दुर्गा सिंह और चत्रपाल ने दिया। डॉक्टर्स की इस टीमने साबित कर दिखाया कि शहरों की तरफ भागना बंद कीजिए क्योंकि पहाड़ों में भी वो डॉक्टर्स मौजूद हैं , जिन्हें धरती पर भगवान का दर्जा दिया गया है। बस बात भरोसे की है, इस भरोसे के चलते आज उत्तरकाशी के डॉक्टर चौबे अलग ही पहचान कायम कर रहे हैं। पहाड़ों में रहने वाले लोगों को अब भरोसा हो रहा है कि शहरों के बजाय पहाड़ों में भी बेहतरीन डॉक्टर्स मौजूद हैं।